श्रीमद्भागवत कथामृत श्री भविष्य मालिका: भगवान के लिए भक्त से बढ़कर कुछ नहीं है: पंडित मिश्र

गोविन्द घाट,हरिद्वार। श्री माधव, श्री महारत्नपुर मंडल, विश्व सनातन धर्म सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में गोविंदपुरी के गोविंद घाट में 10 से 16 मई तक आयोजित श्रीमद्भागवत कथामृत श्री भविष्य मालिका के तीसरे दिवस कथा वाचक भागवताचार्य पंडित काशीनाथ मिश्र ने भक्त प्रहलाद की कथा का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने कहा भगवान के लिए भक्त से बढ़कर कुछ नहीं है, वे हमेशा उसके लिए दौड़े चले आते हैं, उनके सच्चे भक्त के कभी भी कोई बुरा नहीं कर सकता, कुछ बिगाड़ नहीं सकता, उसका दुश्मन उसकी जीवन समाप्त करने के कितने भी प्रयास कर ले भगवान अपने भक्त को बचाने के लिए किसी भी रूप में प्रकट हो सकते हैं,
हिरणकश्यप ने भक्त प्रहलाद को भगवान विष्णु की जयकार करने से मन करते हुए उसे कहा कि मैं ही भगवान हूँ, तुम सबकी तरह केवल मेरी स्तुती करो, भक्त प्रहलाद ने ऐसा करने से मना किया तो एक उसने गुस्से में आकर उसने जान से मारने की नीयत से भक्त प्रहलाद को खंबे बांध दिया। कहा अब बता तेरा भगवान कहां है जो तुझे बचाने आएगा, भक्त प्रहलाद ने कहा भगवान हम सबके भीतर है, वही तुम्हारे भीतर भी है। इस खंबे में भी है, तब जैसे ही हिरणकश्यपू ने भक्त प्रहलाद को मारने के लिए हथियार उठाया तभी भगवान शेर जैसे रूप वाले विचित्र जानवर के रूप में खंबा फाड़कर प्रकट हो गए और अमरता का वरदान पाए हिरण कश्यप को अपनी जांघ में रखकर पेट फाड़कर चीर दिया और भक्त प्रहलाद के जीवन की रक्षा की।
कथा के दौरान पंडित मिश्र ने आगे कहा कि कलयुग समाप्त हो गया है सतयुग का प्रारंभ है, कलयुग समाप्त होने के कई लक्षण हैं जिन्हें पहचाना जरूरी है, आज परिवार के सदस्यों में विश्वास खत्म हो रहा है, द्वेष बढ़ रहा है, अनीति पांव पसार रही है। 100 फीट अधिक पानी के साथ प्रलय होगी, ऐसे में हमें श्री माधव के नाम का जप करना होगा, तभी हम सुरक्षित रह पाएंगे, भगवान विष्णु का कल्कि अवतार भी सतयुग में होना है, वह पुराने संभल में होगा या पुराने संभल में इस पर चर्चा की जाएगी, पंडाल में कथा का आनंद ले रहे भक्त श्रोता भक्ति में नृत्य करते हुए आनंद में विभोर दिखे।