दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया वात्सल्य गंगा आश्रय आश्रम का लोकार्पण

साध्वी दीदी मां ऋतंभरा को पद्म भूषण सम्मान मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं
हरिद्वार। कनखल स्थित वात्सल्य गंगा आश्रय धाम का समारोह पूर्वक लोकार्पण दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया।
साध्वी ऋतंभरा दीदी मां द्वारा निराश्रित बच्चों व बेसहारा लोगों के लिए बनाए गए इस वात्सल्य गंगा आश्रम के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता वितरागी परमहंस स्वामी परमानंद जी महाराज द्वारा की गई तथा संचालन महा मंडलेश्वर हरी चेतनानंद गिरी महाराज ने किया।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने अपने उद्बोधन में साध्वी दीदी मां ऋतंभरा को पद्म भूषण सम्मान मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा की यह पुरस्कार समस्त संत परंपरा और सनातन धर्म का सम्मान है। इससे पूर्व की सरकारे मुंह देखकर सिफारिश पर सम्मान दिया करती थी लेकिन वर्तमान सरकार काम देखकर व्यक्तित्व देखकर सम्मानित करती है। जिसका यह जीत जागता उदाहरण है।
उन्होंने कहा दिल्ली में सरकार के 100 दिन पूरे होने के गरिमा पूर्ण अवसर पर उन्हें मां गंगा में डुबकी लगाने का तथा संतों का आशीर्वाद प्राप्त करने का शुभ अवसर मिला है जिसके लिए वह मां गंगा तथा संत समाज व देव भूमि उत्तराखंड की आभारी है ।रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना अग्रज बताते हुए प्रशंसा की तथा अपना मार्गदर्शन करते रहने का अनुरोध किया । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साध्वी ऋतंभरा व समस्त संत समाज के चरणों में प्रणाम करते हुए आश्वस्त किया कि देवभूमि उत्तराखंड सनातन धर्म परंपरा पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने देंगे और इसकी रक्षा के लिए जो कुछ भी करना होगा वह किया जाएगा। उन्होंने कहा उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू की है तथा लव जिहाद थूक जिहाद जैसे कुत्सित कार्यों पर कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा यह सब संतो के आशीर्वाद से ही संभव हो पाया है। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज , महानिर्वाणी अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज, महामंडलेश्वर यमुना पुरी जी , महामंडलेश्वर संतोषी माता जी नगर की प्रथम महिला मेयर किरण जैसल महा मंडलेश्वर मैत्री गिरी जी साध्वी अन्नपूर्णा पुरी जी सहित बड़ी संख्या में साधु संत व श्रद्धालु मौजूद थे..