डॉ. निशंक की लिखी कथाओं को स्टेज पर जीवंत कर दिया कलाकारों ने

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देहरादून। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की पांच मनोरम कहानियों पर आधारित नाट्य रूपांतरण ने शंकरवर्णम सभागार, प्रेमनगर में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हिमालय विरासत न्यास द्वारा आयोजित, रूपांतरणों में डॉ. रमेश पोखरियाल की प्रसिद्ध कहानियों को प्रदर्शित किया गया, जिनमें म्यर ननतिन, वारिस, प्रोग्राम कैंसिल, कैसे संबंध और संपत्ति शामिल रहे। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एक भारतीय राजनीतिज्ञ और प्रसिद्ध लेखक हैं। उन्होंने हिंदी में 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से कुछ को अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनुवादित किया गया है। हिमालयीय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एक्टिंग एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स, भारतेंदु नाट्य अकादमी, मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (टीआईई विंग), दिल्ली में श्री राम सेंटर और मंडी में रंगमंच अकादमी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के मार्गदर्शन में आयोजित इन प्रदर्शनों ने कथाओं को स्टेज पर जीवंत कर दिया।
संस्कार भारती, के.एस.एम. फिल्म प्रोडक्शंस और पंचम वेद के सहयोग से कार्यक्रम ने थिएटर के माध्यम से भारतीय संस्कृति और कहानी कहने की समृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया। विधायक एवं संस्कार भारती की प्रदेश प्रमुख सविता कपूर ने इस अवसर पर प्रस्तुत विभिन्न नाटकों के कलाकारों एवं निर्देशकों को बधाई एवं अभिनंदन किया। इसके अलावा, शंकरवर्णम ऑडिटोरियम की मालकिन मानवी नौटियाल ने घोषणा करी कि राज्य के थिएटर कलाकार ऑडिटोरियम का निःशुल्क उपयोग कर सकते हैं। सभागार का उद्घाटन लोकप्रिय अभिनेता कुनाल शमशेर मल्ला ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम के दौरान थिएटर में व्यावसायिकता पर एक व्याख्यान भी दिया।
हिमालयीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनुराग वर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह की पहल को राज्य के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे छात्रों को अपने रचनात्मक पक्ष को बढ़ावा देने और बेहतर नागरिक बनने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन जिला महासचिव निशांत पंवार ने किया तथा अध्यक्षता डॉ. अजय वर्मा ने की। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक वरुण ढौंडियाल थे। इस मौके पर रमन कुमार, राजीव रंजन झा, मुकेश झा, शमशेर सिंह, सोमिता कुंडू, मार्टिना, रवीना और रितिका भी मौजूद रहे।

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