राज्य गठन के बाद मूल निवास प्रमाण पत्र बनने बंद हुए

0

हरिद्वार। राज्य आंदोलनकारी एवं भाजपा नेता अजब सिंह चैहान ने निवास प्रमाण पत्र के मामले में एक समान नीति लागू करने की मांग की है। प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अजब सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के गठन से पूर्व हरिद्वार में मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने की व्यवस्था लागू थी। लेकिन राज्य गठन के बाद इस व्यवस्था को समाप्त कर स्थाई निवास बनाने की व्यवस्था शुरू कर दी गयी।

कहा कि हरिद्वार जनपद में लाखों लोग पीढ़ीयों से निवास कर रहे हैं। लेकिन निवास प्रमाण पत्र के मामले में सरकार की दोहरी नीति के चलते हरिद्वार जनपद के मूलनिवासियों को भी स्थाई निवास प्रमाण पत्र ही जारी किया जा रहा है। जो किसी भी प्रकार से न्यायसंगत व तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति के चलते हरिद्वार के मूल निवासियों की पहचान का संकट खड़ा हो गया है। सिडकुल में स्थापित औद्योगिक इकाईयों में 70 फीसदी स्थानीय युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि निवास प्रमाण जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और स्थानीय युवाओं को मूल निवास प्रमाण जारी किए जाएं। जिससे सरकारी नौकरियों में मूल निवासियों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Share