राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मुंडियाकी में बच्चों ने खेला एकाग्रता का खेल स्टापू का नया रूप, प्रधानाध्यापिका प्रतिभा डोलका ने दी जानकारी

रूडकी : आइए आपको बताते हैं अटेंशन (एकाग्रता )खेल के बारे में- आपने बचपन से स्टापू खेल के बारे में तो जरूर सुना होगा और खेला भी होगा।आइए इस स्टापू का एक नया रूप अटेंशन खेल बच्चों की सहायता से बनवाते हैं। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मुंडियाकी की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका प्रतिभा डोलका ने सोचा कि क्यों ना स्टापू को का एक नया रूप बच्चों को खिलाया जाए।

प्रधानाध्यापिका ने बच्चों को पुराने चार्ट देते हुए कहा कि उन पर अपने दोनों हाथ की छाप वह दोनों पैर की छाप बनाकर उसमें काला रंग भर दे जिससे कि वह हाथ और पैर का आकार लगे। सभी बच्चों ने अपने-अपने हाथ व पैर की आकृति बनाकर उसमें काला रंग भरा और मुझे दे दिया तब मैंने बच्चों से कहा कि “आओ खेले खेल” इस पर बच्चे बहुत ही उत्साहित हुए और काले गई और उन्हें एक अलग तरीके से उन पेपर को फर्श पर रखने के लिए कहा। सभी बच्चों ने उत्साहित होकर उन हाथ और पैर की आकृति वाले पेपर को रखा और तब उनको मैंने खेल कर दिखाया और कहा कि इस खेल का नाम अटेंशन(एकाग्रता)खेल है आप लोग सभी इस खेल को खेलें जिससे कि आप इससे कई प्रकार से लाभान्वित होंगे । पहला जब आप इस खेल को खेलना शुरू करेंगे तो आपके अंदर इस में इस खेल को जीतने की इच्छा होगी। दूसरा आपका शारीरिक व्यायाम होगा। तीसरा आप सभी इस खेल को अटेंशन होकर खेलेंगे जिससे आपका मानसिक विकास भी होगा।

प्रधानाध्यापिका प्रतिभा डोलका ने बताया कि जब सभी बच्चों ने अपने-अपने बारी पर इस खेल को खेला तो सभी इतने उत्साहित और एकाग्रता से खेल रहे थे कि सिर्फ उनके मस्तिष्क में एक ही बात आ रही थी कि हमें जीतना है। खेल खिलाने के बाद प्रधानाध्यापिका कक्षा में सभी बच्चों को समझा रही थी कि इसी तरह से हमें अपनी शिक्षा के प्रति भी एकाग्र होकर पढ़ना चाहिए। क्योंकि अगर हम एकाग्रता से नहीं पढ़ेंगे तो हम इस खेल की तरह ही ऑल आउट हो जाएंगे। यदि हम इस खेल को एकाग्रता से खेलेंगे और हम जीत जाएंगे। इसलिए सभी बच्चों को हरदम सीखने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। अटेंशन खेल की तरह जीवन में भी शिक्षा के महत्व को समझें और उसके उसको जीत ले।

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