‘‘विकसित भारत संकल्प 2024’’ मेगा प्रदर्शनी का आयोजन 21 से 23 फरवरी तक ऋषिकुल मैदान में

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सूर्यकांत बेलवाल, सोल ऑफ इंडिया,
हरिद्वार। प्रसिद्ध ऋषिकुल मैदान में विकसित भारत संकल्प 2024 व आत्मनिर्भर भारत की थीम पर मेगा प्रदर्शनी का आयोजन 21 से 23 फरवरी तक किया जा रहा है। देश के DRDO, इसरो जैसे प्रतिष्ठित सरकारी व अद्र्धसरकारी संस्थान यहां तीन दिन तक जनता के बीच रहेंगे, प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग भी इसमें अपनी सहभागिता कर रहे हैं।
इस आयोजन के विषय को लेकर आ यहां आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी हरिद्वार के जिला अध्यक्ष संदीप गोयल कहा कि आज देश आजादी का अमृत काल अमृत महोत्व मना रहा है, आज किसी को आतंकवाद का भय नहीं है। भयमुक्त समाज का संकल्पना साकार हो रही है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी के नेतृत्व देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है और आत्मनिर्भर बन रहा है। कई सदी की प्रतीक्षा के पश्चात अयोध्या का राम मंदिर का निर्माण उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति और आत्म विश्वास को दर्शाता है।
श्री गोयल ने कहा कि अमृत काल में सभी के सामूहिक प्रयास से भारत को दुनिया के हर क्षेत्र में प्रथम बनाने का संकल्प लेना भी आजादी का अमृत महोत्सव के उद्देश्यों में से एक था। इसी संकलप को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत संकल्प यात्रा की कल्पना की है, जो देश की हर पंचायत तक पहुंचेगी और मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा कर उनका लाभ सभी तक पहुंचाने का कार्य करेगी। 2047 भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प हम सभी को पूरा करना है।
श्रीगोयल ने कहा कि विकसित भारत संकल्प 2024 मेगा प्रदर्शनी का प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 21 फरवरी को करेंगे। भाजपा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष व सांसद राज्यसभा डा. नरेश बंसल के नेतृत्व में परिचित फाउंडेशन के द्वारा इस मेगा प्रदर्शनी का तीन दिवसीय आयोजन 23 फरवरी तक किया जा रहा है।

विधायक आदेश चौहान ने इस अवसर पर कहा कि आज देश निरंतर विकसित हो रहा है और आम जन के लिए तमाम योजनाओं पर कार्य हो रहा है। कई सुविधाएं निर्बल वर्ग को दी गयी हैं। अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी समुचित लाभ मिल रहा है। मुफत राशन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं सरकार द्वारा चलायी जा रही है। आज हम भय के वातावरण से मुक्त हैं। आज हमें कहीं बम फटने का भय नहीं है, उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि कभी वह भी दौर था जब बसों में, रेलवे स्टेशनों पर लिखा होता था कि अनजान वस्तु का न छुएं बम हो सकता है। बैठने से पहले सीटों के नीचे देखना जरूरी होता कि कोई अनजानी वस्तु तो नहीं रखी है। पिक्चर हाल में भी यही भय रहता था कि कहीं कोई बम फट जाए। मतलब सुकून से वहां भी नहीं बैठ सकते थे। पर आज ऐसा नहीं है देश विकास की और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। विदेशों में भी भारत का डंका बज रहा है। वहां रहने वालों को पूरा सम्मान मिल रहा है।

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