एआई-पावर्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म ने उत्तराखंड सरकार के साथ दो साल के साझेदारी की
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देहरादून। एम्बाईब (इंडियाविजुअल लर्निंग लिमिटेड), एआई-पावर्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म ने उत्तराखंड सरकार के साथ दो साल के साझेदारी की घोषणा की है ताकि सभी छात्रों को एआई-पावर्ड शिक्षा उपलब्ध हो सके। इस सहयोग के माध्यम से, उत्तराखंड के 5,416 सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों से 15 लाख से अधिक छात्रों और 35,000 से अधिक शिक्षकों को एम्बाईब के संबंधित, पर्सनलाइज्ड और एडेप्टिव टीचिंग, लर्निंग ऐप्स का एक्सेस प्रदान कर सशक्त बनाया जाएगा। यह पहल एम्बाईब के पब्लिक सेक्टर लर्निंग इंटरवेंशन इनिशिएटिव का हिस्सा है, जो 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के दौरान 20 राज्यों में 4 करोड़ से अधिक भारतीय छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगी। इस साझेदारी के लिए समझौता ज्ञापन पर एम्बाईब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र गौड़ और स्कूल शिक्षा महानिदेशक के साथ-साथ समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक के बीच हस्ताक्षर किए गए। डवन् पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी और समग्र शिक्षा, उत्तराखंड के राज्य परियोजना निदेशक ने हस्ताक्षर किए, जिसके साक्ष्य में समग्र शिक्षा के उप निदेशक जितेन्द्र सक्सेना, राज्य प्रशासनिक अधिकारी भगवती प्रसाद मंडोली और राज्य समन्वयक विजय चंद्र थपलियाल मौजूद थे। यह कदम देश के निचले स्तरों तक डिजिटल शिक्षा को ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा जैसी नीतियों से भी प्रेरित है।
उत्तराखंड के शैक्षणिक निदेशक और समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक, बंशीधर तिवारी, ने साझेदारी के शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा, एम्बाईब के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी उत्तराखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाती है, जहाँ हम सभी छात्रों को उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के प्रति प्रयासरत हैं। एआई अत्याधुनिक सुविधाओं से संचालित इनोवेटिव एम्बाईब ऐप छात्रों की शिक्षा और व्यवहार तथा कौशलों में कमी को दूर करने में मदद करेगा। हम निश्चित हैं कि एम्बाईब उत्तराखंड के छात्रों को निर्दिष्ट विषयों में मार्गदर्शन करने और शिक्षित करने के लिए अनिवार्य उपकरण के रूप में काम करेगा। यह सहयोग न केवल राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि हमारे शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण उपकरण और तकनीकों से लैस भी करेगा। इस सहयोग के माध्यम से, हम समाज-आर्थिक पृष्ठभूमि को अनदेखा करके सभी छात्रों को उच्चतम गुणवत्ता वाले तकनीकी शिक्षा का उपयोग करने की सुविधा प्रदान कर सकते हैं।”