एनईपी भविष्य को दर्शाति है और ये एक दार्शानिक दस्तावेज है

0

देहरादून। केन्द्रीय शिक्षा, कौशल विकास व उघमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के बारे में बात करते हुए कहा कि एनईपी भविष्य को दर्शाति है और ये एक दार्शानिक दस्तावेज है जो उभरते भारत की तस्वीर का दिखाती है।
केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उघमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने देहरादून दौरे के दौरान बिदौली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में कार्यक्रम अमृत काल विमर्श ऑन विकसित भारत 2047 में प्रतिभाग किया। इस दौरान प्रधान ने संस्थान के छात्रों को भारत में जी20, अमृत काल, नेशनल एजूकेशन पॉलिसी, भारत के विज्ञान, डिजीटल क्षेत्र और विश्व में बढ़ते भारत के रूतबे जैसे विषयों पर संबोधित किया। प्रधान ने अमृत काल विमर्श ऑन विकसित भारत 2047 में अपने वक्तव्य में कहा कि जी20 के दौरान अमेरीका, ब्रीटेन, जर्मनी सहित अन्य देश पहली बार राष्ट्रपिता माहत्मा गांधी की समाधि पर एकत्रित हुए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। ऐसा नजारा नए भारत की तस्वीर है और ऐसा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशन नेतृत्व से ही मुमकिन हो पाया है। आज भारत ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन में विश्व में चैथे नंबर पर है और उसका लक्ष्य 2024 तक 500 गीगा वॉट ग्रीन एनर्जी उत्पादीत करने का लक्ष्य है। इसी कड़ी में जी20 के दौरान भारत ने बायो फ्यूल एलायंस का भी गठन किया जो ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा 2014 तक ईंधन में 1 प्रतिशत इथेनॉल का प्रयोग होता था जो 2023 में बढ़ कर 10 प्रतिशत हो गया है और इसे 2025 तक 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। ये सब नए उभरते भारत की तस्वीर है। अपने संबोधन के अंत में प्रधान ने कहा कि आज विश्व के सामने आज चुनौती है कौशल कामगारों के न उपलब्ध होने की और भारत विश्व की इस समस्या का समाधान है। भारत के अंदर ये क्षमता है जो इस स्किल गैप को भर सकता है और विश्व गुरू बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share