*शब्दवीणा के मंच पर प्रो. (डॉ.) रश्मि प्रियदर्शनी के पाँचवें, छठे एवं सातवें काव्य-संग्रह ‘अरिहंत’, कहाँ गये वे दृश्य मनोहर’ एवं ‘है हमें जाना कहाँ’ का हुआ भव्य लोकार्पण*

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*-शब्दवीणा संगीत अनुष्ठान एवं कवि सम्मेलन में रचनाकारों एवं कलाकारों की प्रस्तुतियों पर श्रोतागण झूम उठे*

गया। राष्ट्रीय साहित्यिक-सह-सांस्कृतिक संस्था ‘शब्दवीणा’ के मंच पर गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष एवं ‘शब्दवीणा’ की संस्थापक-सह-राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) रश्मि प्रियदर्शनी के पाँचवें, छठे, एवं सातवें काव्य-संग्रह क्रमशः ‘अरिहंत’, ‘कहाँ गये वे दृश्य मनोहर’ एवं ‘है हमें जाना कहाँ’ का लोकार्पण कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रसिद्ध गीतकार कन्हैयालाल मेहरवार, मुख्य अतिथि शब्दवीणा प्रदेश संगठन मंत्री प्रो. डॉ. दीनानाथ, विशिष्ट अतिथि शब्दवीणा के राष्ट्रीय परामर्शदाता मंडल के वरिष्ठ सदस्य प्रसिद्ध संगीतज्ञ राजन सिजुआर, गया जिला संरक्षक डॉ. रामसिंहासन सिंह, गया जिला अध्यक्ष जैनेन्द्र कुमार मालवीय, प्यारचन्द कुमार मोहन, राष्ट्रीय प्रचार मंत्री डॉ रवि प्रकाश, राष्ट्रीय उप संगठन मंत्री पंकज मिश्र, कुमार कांत, तबला प्रशिक्षक शब्दवीणा बिहार कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार, विनय कुमार सिन्हा, मनीलाल बारिक, डॉ. रामकृष्ण मिश्र, डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा एवं डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी एवं अन्य मंचासीन गणमान्य अतिथियों ने सामूहिक रूप से किया। लोकार्पण समारोह का शुभारंभ गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन से किया। डॉ. रश्मि ने सभी मंचासीन अतिथियों एवं कवि/कवयित्रियों/कलाकारों का स्वागत शॉल, पुष्पगुच्छ, माला, शब्दवीणा उपहार प्रदान करके किया। तत्पश्चात डॉ. रश्मि के नेतृत्व में हर्षिता मिश्रा, अन्या, तान्या, स्तुति भारद्वाज, शैली पाठक, एवं निधि ने “ज्ञान दे, सुर तान दे” सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। तबले पर दिनेश कुमार थे। शब्दवीणा की गया जिला साहित्य मंत्री चाँदनी बसोया द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत और संगीत अनुष्ठान सत्र में प्रस्तुत लोकगीत सुन कर श्रोतागण झूम उठे। तृप्ति भारद्वाज के राम भजन से वातावरण भक्तिमय हो उठा। सुरेन्द्र पांडेय सौरभ द्वारा रचित गीत “एक राधा, एक मीरा” सुन सभी भावुक हो उठे। मंचासीन अतिथियों ने डॉ रश्मि प्रियदर्शनी के त्रय काव्य-संग्रहों की दार्शनिक गंभीरता और रचना शैली की प्रशंसा करते हुए डॉ. रश्मि और समस्त शब्दवीणा संस्था के उज्ज्वल भविष्य हेतु मंगलकामना की। संस्था के राष्ट्रीय संरक्षक महावीर बजाज, राष्ट्रीय परामर्शदाता मंडल के सदस्य डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी, डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र, डॉ राधानंद सिंह, पुरुषोत्तम तिवारी आदि ने भी डॉ. रश्मि को शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

पाँच सत्रों में विभाजित इस “पुस्तक लोकार्पण समारोह एवं शब्दवीणा संगीत अनुष्ठान-सह-कवि सम्मेलन” में शब्दवीणा की राष्ट्रीय समिति, प्रादेशिक एवं शब्दवीणा बिहार प्रदेश समिति अंतर्गत गया, नवादा, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर आदि शब्दवीणा जिला समितियों के पदाधिकारी, रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत, गजल एवं रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में प्रतिभागिता एवं प्रशंसनीय सहयोग हेतु सभी अतिथियों एवं कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। शब्दवीणा कवि सम्मेलन में नवादा जिले से उदय भारती एवं गुलाम सरवर अंसारी, शेरघाटी से अजय कुमार वैद्य, जहानाबाद से रूबी कुमारी, डॉ. रामसिंहासन सिंह, कुमार कांत, सुरेन्द्र पांडेय सौरभ, मुजफ्फरपुर के सहज कुमार, गया से स्नेहा सिंह, डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी, कन्हैयालाल मेहरवार जी, विनय कुमार सिन्हा जी, जैनेन्द्र कुमार मालवीय, पंकज मिश्रा, डॉ. सच्चिदानंद सिंह, डॉ. रामकृष्ण मिश्र, डॉ. रवि प्रकाश, शंकर प्रसाद, आदि ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में विनोद बरबिगहिया, नीलम मिश्रा, डॉ सुदर्शन शर्मा, बबलू पासवान, राकेश कुमार मिश्रा, प्रमोद कुमार, मनोज कुमार आदि की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण “शब्दवीणा केन्द्रीय फेसबुक पेज” से किया गया, जिससे देश भर में गठित शब्दवीणा की विभिन्न प्रदेश एवं जिला इकाइयों के पदाधिकारी, सदस्यगण एवं साहित्यानुरागी श्रोताओं ने लोकार्पण समारोह, संगीत अनुष्ठान एवं कवि सम्मेलन का आनंद लिया। लोकार्पण सत्र सह संगीत अनुष्ठान का संचालन पंकज मिश्र तथा कवि सम्मेलन का संचालन जैनेन्द्र कुमार मालवीय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम संयोजक तथा आयोजक शब्दवीणा की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी ने समस्त शब्दवीणा परिवार, आगत अतिथियों एवं परमपिता परमात्मा के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की।

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