ग्राम रोहालकी की बेटी दीक्षा चौहान बनी उत्तराखंड महिला टॉपर
हरिद्वार। ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रोहालकी किशनपुर की दीक्षा चौहान ने उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूकेएसएसएससी के द्वारा विभिन्न पदों- सहायक समीक्षा अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी, सहायक प्रबंधक उद्योग, सहायक समाज कल्याण अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी आदि पदों के लिए आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में अनारक्षित वर्ग में महिला टॉपर के रूप में उत्तराखंड में प्रथम रैंक प्राप्त कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार से एम0 एस0सी0 भौतिक विज्ञान में यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुकी दीक्षा चौहान को स्थानीय विधायक रवि बहादुर ने अपनी शुभकामनाएं दी। प्रेस को जारी बयान में विधायक ने कहा कि ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के गांव की बेटियां पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। कुछ दिन पूर्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित डर्बी खेल में भी ग्राम बुग्गावाला की बेटी ने गोल्ड मेडल जीता था। दीक्षा चौहान को भी उनके निवास पर जाकर सम्मानित किया जाएगा।
बता दे कि दीक्षा चौहान बाल्यकाल से ही कुशाग्र और मेधावी रही हैं। अब तक चार सरकारी सेवाओं के लिए चयनित हो चुकी दीक्षा चौहान का पूरा परिवार इस महती उपलब्धि से अभिभूत है। दो सप्ताह पूर्व जनपद हरिद्वार से राजस्व पुलिस अधिकारी, लेखपाल परीक्षा में चयनित होकर जनपद हरिद्वार में नाम रोशन किया है। पूर्व में देहरादून में सचिवालय रक्षक एवं डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के ग्रुप डी सेवा में चयनित होकर भी दीक्षा ने लगातार कड़ी मेहनत से ये सफर जारी रखा। दीक्षा चौहान के पिता सुशील कुमार उत्तराखंड होमगार्ड सेवा में सिपाही के पद पर सेवा कर रहे हैं। आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में हुई थी जिसमें डेढ़ लाख से अधिक बच्चों ने परीक्षा दी थी जिसे बाद में राज्य सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था आयोग ने वर्तमान परीक्षा 9 जुलाई को कराई जिसमें 65000 से अधिक प्रतिभागियों ने परीक्षा दी और 900 पदों के लिए 1864 अभ्यर्थियों को सूचीबद्ध किया गया है। इतनी बड़ी परीक्षा में उत्तराखंड में महिला टॉपर सर्वोच्च रैंक होना बड़ी विशेष उपलब्धि है। दीक्षा चौहान ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता -पिता, चाचा ,भाई , परिवारजनो, सगे संबंधियों मार्गदर्शक गुरुजनों, एवं सहपाठियों को दिया है और कहा कि समाज में बेटियों को पढ़ाई के पर्याप्त अवसर मिले ! प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वह सिविल सर्विसेज के लिए अपना प्रयास जारी रखेगी। ग्रामवासियों में इस उपलब्धि से ख़ुशी की लहर है।