संस्कृत विवि अपने छात्रों को क्रांति-तीर्थों की यात्रा कराएगा : कुलपति

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Soulofindia

बहादराबाद (हरिद्वार), 20 अप्रैल।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित छात्र संघ समारोह में मुख्य अतिथि भारत माता मंदिर के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि युवाओं को सेवा को अपना धर्म बनाना चाहिए। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने भीतर की प्रेरणा को पहचानें और स्वयं को राष्ट्र सेवा में अर्पित कर दें। समारोह में कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने घोषणा की कि संस्कृत यूनिवर्सिटी अपने छात्र छात्राओं को देश के क्रांति-तीर्थों की यात्रा कराएगी।
विश्वविद्यालय सभागार में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने देश के निर्माण में युवाओं की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया। मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि ने कहा कि समाज के भिन्न-भिन्न रूपों में ईश्वर की मौजूदगी है। यदि कोई ईश्वर की आराधना करना चाहता है तो उसे वंचित वर्ग की सेवा को अपना धर्म बनाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने भीतर की प्रेरणा को पहचानते हुए अपनी परंपराओं का सदैव सम्मान करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संस्कृत और प्राचीन विद्याओं के विकास के लिए सरकार और समाज, दोनों को मिलकर संयुक्त रूप से प्रयास करने चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। इन विविधताओं को एक सूत्र में पिरो कर भारत को श्रेष्ठ और विकसित करने में युवा पीढ़ी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि बीते दशकों में भारतीय युवा मानस को इस तरह से बदला गया कि वह भारतीय इतिहास, परंपरा और मान्यताओं को संदेह की दृष्टि से देखनें लगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे बाहरी और भीतरी, दोनों स्तरों पर संघर्ष करते हुए एक भारत और श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए कार्य करें। कुलपति ने कहा कि युवा होने का संबंध उम्र से होने के साथ-साथ इच्छा शक्ति से भी है। उन्होंने घोषणा कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय अपने छात्र-छात्राओं के शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए उन्हें देश के क्रांति- तीर्थों की यात्रा कराएगा।इसकी शुरुआत गुजरात के मांडवी से की जाएगी, जहां महान क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के स्मृति स्थल का निर्माण किया गया है।
मुख्य वक्ता आरएसएस के जिला संघचालक रोहिताश कुमार ने कहा की हमारे युवाओं को अपनी प्रेरणा शिवाजी महाराज, ऋषि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस और डॉ ० कलाम जैसी हस्तियों में ढूंढनी चाहिए। युवाओं के आगे बढ़ने की दिशा से ही देश की दिशा निर्धारित होगी। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि युवा वर्ग में नशे की प्रवृत्ति काफी तेजी से बढ़ रही है। जिला संचालक ने युवाओं को सुझाव दिया कि वे अपने उद्देश्यों में पूरी तरह स्पष्ट हों और उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अपने संकल्प को मजबूत करके आगे बढ़ें।
भाजपा के जिला महामंत्री आशुतोष शर्मा ने हरिद्वार को ज्ञान की भूमि बताया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री प्रशांत गौड़ ने छात्र शक्ति को ही वास्तविक शक्ति करार दिया।
इसी क्रम में छात्र कल्याण के डीन डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने युवा महोत्सव के अंतर्गत संपन्न हुए कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया और कहा कि आगामी वर्ष में इस समारोह को और भव्य स्तर पर आयोजित किया जाएगा। इससे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सागर खेमरिया की पहल पर छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. शिवचरण नौडियाल, अनूप बहुखंडी और प्रभात पंवार का सम्मान किया गया। समारोह का संचालन डॉ शैलेश तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रो. दिनेश चमोला, उपकुलसचिव दिनेश कुमार, डॉ अरविंद नारायण मिश्र, डॉ. प्रकाश पंत, डॉ. राम खंडेलवाल डॉ उमेश शुक्ल, डॉ.प्रतिभा शुक्ला, डॉ. श्वेता अवस्थी, बिंदुमती द्विवेदी, आइक्यूएसी के डायरेक्टर डॉ. कामाख्या कुमार आदि समेत अनेक प्रमुख लोग उपस्थित थे।

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