उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट : 15 फरवरी तक अधिक से अधिक प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो:मुख्यमंत्री

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू के ग्राउंडिंग की समीक्षा की। निवेश हेतु हुए एमओयू को धरातल पर उतारना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा के साथ उनसे सुझाव भी लिये तथा निर्देश दिये कि 15 फरवरी तक अधिक से अधिक प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो। प्रति सप्ताह मुख्य सचिव तथा प्रतिमाह मुख्यमंत्री स्वयं इसकी गहनता से समीक्षा करेंगे। निवेश प्रस्तावों में इकोलॉजी तथा इकोनॉमी के समन्वय के साथ युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले निवेश से कितना रोजगार सृजन होगा इसका विवरण तैयार किया जाए। राज्य में निवेश के तहत स्थापित होने वाले उद्योगों से महिला स्वयं सहायता समूहों को भी लाभान्वित किये जाने के प्रयास किये जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को सौर ऊर्जा तथा पर्यटन नीति के अंतर्गत स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाए।
बैठक में बताया गया कि इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न विभागों से सम्बन्धित 3.56 लाख करोड़ के 1779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं जिनमें ऊर्जा के क्षेत्र में 1.03 लाख करोड़ के 157 तथा उद्योग विभाग से सम्बंधित 78 हजार करोड़ के 658, पर्यटन के क्षेत्र में 47,646 करोड़ के 437, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 19,260 करोड़ के 175, आवास एवं नगर विकास के क्षेत्र में 41,947 करोड़ के 62, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में 25,785 करोड़ के 39, आयुष एवं वेलनेस के क्षेत्र में 17,058 करोड़ के 77 करार शामिल हैं। राज्य में निवेशकों की सुविधा के लिये उत्तराखण्ड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, र्स्टाट अप एंड इन्टरप्रिन्योरशिप का गठन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये निर्देशों का भी अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये हम सबके प्रयासों को हर क्षेत्र में सराहा गया है। अब हम सबका दायित्व है कि इन्हें राज्य हित में जमीनी हकीकत में बदला जाय। उन्होंने सभी के सुझावों को ताकत बताकर इसे अवसर में बदलने की भी अपेक्षा की। उन्होंने राज्य हित से जुड़े जरूरी प्रस्तावों को प्राथमिकता देने की भी बात कही।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी विभागीय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि पहाड़ों के विकास के लिये प्राप्त निवेश प्रस्तावों से क्या बेहतर किया जा सकता है। युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हों इसके लिये रोजगार सृजन पर भी फोकस किया जाय। मुख्यमंत्री ने लोकल उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में भी प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा। सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों पर भी विशेष ध्यान देने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा नीति के तहत अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयासों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारे लिये छोटे निवेशक भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से मानवीयता तथा शिष्टता के साथ देवभूमि के आचरण के अनुकूल व्यवहार पर भी ध्यान देने को कहा, तभी अधिक से अधिक उद्यमी राज्य में निवेश के प्रति आकर्षित होंगे।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर में आयोजित निवेशकों की बैठकों में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने इस संबंध में होने वाली अगली बैठक में जिलाधिकारियों को वर्चुअली शामिल किये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। यह कालखण्ड हमारी पहचान बनाने वाला है। केन्द्र सरकार के सहयोग से सड़क, बिजली, पानी तथा भारत माला मिशन की योजनायें राज्य के विकास की नई इबारत लिखने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में देहरादून पंतनगर हवाई अड्डों के विस्तार, ऋषिकेश अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर कन्वेंशन सेंटर के निर्माण की दिशा में भी तेजी के कार्य किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून की स्थिति में काफी सुधार हुआ है यह आगे भी बरकरार रहे तथा शहर के विकास के कार्य निरंतर चलते रहें यह भी हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में हो रहे मानव वन्य जीव संघर्ष को कम किये जाने पर भी प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली, विनय शंकर पाण्डेय, वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, अरविंद सिंह ह्यांकी, एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एवं महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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