श्री नारायणी शिला हरिद्वार
बद्रीनाथ धाम के दर्शन पश्चात आज दर्शन हरिद्वार नारायणी शिला मंदिर जिसके के बारे में कहा जाता है कि एक बार जब गयासुर नाम का राक्षस देवलोक से भगवान विष्णु यानी नारायण भगवान का श्री विग्रह लेकर भागा तो नारायण के विग्रह का धड़ यानी मस्तक वाला हिस्सा श्री बद्रीनाथ धाम के ब्रह्मकपाली नाम के स्थान पर गिरा। उनके हृदय वाले कंठ से नाभि तक का हिस्सा हरिद्वार के नारायणी मंदिर में गिरा और चरण गया में गिरे। भगवान नारायण के चरणों में गिरकर ही गयासुर की मौत हो गई। यानी वहीं उसको मोक्ष प्राप्त हुआ था। स्कंद पुराण के केदार खंड के अनुसार, हरिद्वार में नारायण का साक्षात हृदय स्थान होने के कारण इसका महत्व अधिक इसलिए माना जाता है क्योंकि मां लक्ष्मी उनके हृदय में निवास करती है। इसलिए इस स्थान पर श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व है।https://www.traditionrolex.com/48

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