साधु संतो पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर धार्मिक संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई

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हरिद्वार। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की साधु-संतों पर आपत्तिजनक टिप्पणी
पर हरिद्वार के संतों और धार्मिक संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व अखिल भारतीय सनातन परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मौर्य को पार्टी से बाहर करने की मांग की है।वहीं, सनातन परिषद कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भेजा। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि कुछ लोगों ने सुर्खियों में रहने के लिए यह एक तरीका अपना लिया है कि धर्म को गाली दो और फेमस हो जाओ। उन्होंने सलाह दी कि स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नाम बदल लेना चाहिए। क्योंकि वे लगातार सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी करते है।
उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मांग की है कि वे स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निकाल बाहर करें। क्योंकि मौर्य की संतों की दी जाने वाली गाली अखिलेश यादव को ही लग रही है। वहीं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग राक्षस हैं, इसलिए उनका जैसा विवेक, वैसी बात कर रहे है।
कहा कि महात्मा गांधी को भी लोगों ने क्या नहीं कहा। लेकिन, वो अपने उद्देश्य से नही भटके इसी प्रकार से संतो को भी अपने मार्ग से नहीं भटकना है। दूसरी तरफ, अखिल भारतीय सनातन परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा के नेतृत्व में परिषद के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा।
राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अविक्षित रमन ने कहा कि संत समाज, सनातन और मंदिरों पर टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद का समाज से बहिष्कार किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य राजवीर सिंह कटारिया और डॉक्टर विशाल गर्ग ने मौर्य को जेल भेजने की मांग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की। शेखर कटारिया, अशोक कटारिया, अजय कुमार, पंडित अधीर कौशिक, कृष्ण शास्त्री, रघुवीर गिरी, महंत दिनेश दास, संजय पुरी आदि मौजूद रहे।

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