नेत्रदान को संकल्पित जीवन जीने वाले रामशरण चावला ने दुनिया से जाते जाते 2 लोगों को दी आंख की रोशनी

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हरिद्वार।
नेत्रदान की अखल जगाने वाले रामशरण चावला आज दुनिया को अलविदा कह गए। नेत्र दान-रक्तदान के लिए जीवन समर्पित करने वाले रामशरण चावला पिछले डेढ़ माह से अस्वस्थ चल रहे है। जिन्होंने आज कनखल स्थित अपने आवास पर आखिरी सांस ली। राम शरण चावला दुनिया छोड़ने से पूर्व अपने संकल्पित अभियान के तहत तीन लोगों के नेत्र दान करा कर गए थे। इसी कड़ी में श्री चावला के शरीर त्यागें के बाद उनके पुत्र समीर चावला ने दिवंगत पिताजी के संकल्प को पूरा करते हुए उनके नेत्रदान कराएं।
समाजसेवी दिवंगत राम शरण चावला ने 68 वर्ष की आयु में 326 जोड़ी नेत्रदान करा कर 652 लोगों को यह दुनिया देखने का मौका दिलाया है। 50 से अधिक बार रक्तदान कर समाज मे नेत्रदान व रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक तथा प्रेरित करते रहे। इससे भी आगे बढ़कर दिवंगत चावला ने 2 देहदान भी करवाये है। राम शरण चावला पत्र लेखन से जुड़े रहे, जिसके चलते वह पूर्व में प्रेस क्लब हरिद्वार के सदस्य भी रहे। जबकि लायन क्लब,व्यापार मंडल सहित कई सामाजिक संस्थाओं के सदस्य रहे। कनखल श्मशान घाट पर हुए अंतिम संस्कार में राम शरण चावला को मुखाग्नि उनके पुत्र समीर चावला ने दी। इस मौके पर समाज की दर्जनों संस्थाओं के प्रतिनिधि व जनसमुदाय ने घाट पर पहुँचकर दिवंगत चावला को अंतिम विदाई व श्रद्धाजंलि अर्पित की।

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