गुस्सा/ उत्तेजना का होना असामान्य व्यवहार को नही दर्शाता है

0

हरिद्वार/ व्यक्ति की जरूरत एवं आवश्यकतानुसार इच्छा की पूर्ति न होना गुस्सा अथवा उत्तेजना का मुख्य कारण है। उत्तेजना व्यक्ति के व्यवहार का सामान्य गुण है। व्यवहार मे उत्तेजना का होना इसलिए भी अनिवार्य है क्योकि यह लक्ष्य के प्रति व्यक्ति को श्रम को प्रेरित करता है। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग, गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय, हरिद्वार मे एम0पी0एड0 पाठयक्रम के प्रशिक्षु छात्रों के साथ संवाद करते हुये एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने यह बात कही। कहॉ कि सामान्य मानवीय के जीवन मे गुस्सा/उत्तेजना का होना असामान्य व्यवहार को नही दृर्शाता है। यह किये जाने वाले कार्य के प्रति व्यक्ति की सक्रियता एवं जुडाव का बोध कराता है। जीवन मे गुस्सा/उत्तेजना का होना सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनो ही पक्षों मे आवश्यक है।
प्रशिक्षु अध्यापकों को जीवन मे गुस्सा/उत्तेजना से प्रभावित हुये बिना कार्य के प्रति संजग एवं अधिक जवाबदेई बनाये जाने के उददेश्य से इस प्रकार के प्रशिक्षण की जरूरत समझाते हुये परिसंवाद करते हुये प्रशिक्षु छात्रों का मार्गदर्शन किया। परिसवंाद मे एम0पी0एड0 पाठयक्रम के प्रशिक्षु छात्र उपस्थित रहे जिन्होने समसामायिक प्रश्नों के समाधान प्राप्त किये।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share