प्रारंभ हुआ बिना पर्वों वाला पुरुषोत्तम मास
अब एक महीना पीछे चले जाएंगे सारे त्यौहार
रक्षा बंधन , दशहरा , दिवाली , होली सभी विलंब से
भगवान विष्णु को समर्पित बिना पर्वों वाला पुरुषोत्तम मास आज प्रारंभ हो गया है । श्रावण मलमास में भागवत कथाएं होंगी , भगवद संकीर्तन होंगे लेकिन शुक्ल और कृष्ण पक्ष में त्यौहार कोई नहीं पड़ेगा । परिणाम स्वरूप हरियाली तीज से लेकर होली तक के समस्त पर्व एक महीना विलंब से आएंगे । शुद्ध श्रावण का कृष्ण पक्ष सोमवती अमावस्या पर बीत गया और शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष मलमास बीतने पर प्रारंभ होगा ।
पुरुषोत्तम मास प्रत्येक तीसरे वर्ष आता है । अर्थात अब अगला पुरुषोत्तम मास 2026 में पड़ेगा । जिस वर्ष पुरुषोत्तम मास आए , वह वर्ष 12 महीनों के स्थान पर 13 महीनों का होता है । सूर्य एक वर्ष में एक एक कर 12 राशियों में संक्रमण करते हैं । लेकिन पुरुषोत्तम मास ऐसा महीना है जिसमें सूर्य किसी राशि में प्रवेश नहीं करते । भगवान भास्कर यदि राशि विहीन यात्रा करें तो उसे पुरुषोत्तम मास कहते हैं । इस मास में संक्रांति नहीं पड़ती अतः कोई पर्व , व्रत या त्यौहार भी नहीं पड़ता । इस मास के बाद सभी पर्व शुद्ध श्रावण में 17 अगस्त से प्रारंभ होंगे ।
16 जुलाई शनिवार को भगवान सूर्य नारायण कर्क राशि में प्रविष्ठ हुए हैं । एक महीने वे राशि नहीं बदलेंगे और 17 अगस्त को उनका प्रवेश सिंह राशि में होगा । उसी दिन शुद्ध श्रावण लगेगा । शुद्ध पक्ष आते ही पर्व काल , श्राद्ध पक्ष आदि आने का मार्ग खुल जाएगा । हरियाली तीज , रक्षाबंधन , जन्माष्टमी , श्राद्ध पक्ष , विजय दशमी , दीपावली , कार्तिक पूर्णिमा , मकर संक्रति स्नान , शिवरात्रि और होली आदि पर्व विलंब से आएंगे ।
पुरुषोत्तममास में देश के कईं भागों में धार्मिक यात्राएं चलती रहेंगी । जोधपुर की परिक्रमा यात्रा प्रमुख यात्रा है जो पुरुषोत्तममास वाले वर्ष ही आयोजित की जाती है । धर्मनगरी हरिद्वार में दर्जनों भागवत कथाओं का आयोजन किया गया है ।
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