वीर चंद्र सिंह गढ़वाली नाटक का शानदार मंचन

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देहरादून। वातायन नाट्य संस्था द्वारा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक का मंचन नगरनिगम देहरादून के जुगमंदर हाल में किया गया। पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की अमर कथा को बहुत कम लोग जानते हैं। यह नाटक शीर्षक के अनुरूप चंद्र सिंह भंडारी के साहस स्वदेश प्रेम के विषय में विशेष घटना पर आधारित है। चंद्र सिंह भंडारी बचपन से ही बहुत साहसी व निडर थे। बहुत कम शिक्षा होने के बावजूद अपनी मजबूत कद काठी के कारण वह गढ़वाल राइफल्स में एक सिपाही के रूप में सेना में भर्ती हो गए थे। उस समय विश्वयुद्ध के दौरान उन्हें विदेशों में बहुत से मोर्चों में लड़ने भेजा गया।
गढ़वाल राइफल पेशावर में थी। 23 अप्रैल 1930 को खान अब्दुल गफ्फार खान के नेतृत्व में पठान आंदोलन कर रहे थे। अंग्रेज ऑफिसर ने पठानांे के आंदोलन को कुचलने के लिए गढवाल राइफल्स को फायर का आदेश दिया। इस समय चंद्र सिंह गढ़वाली ने सीस फायर का आदेश दिया,वीर चंद्र सिंह गढवाली तथा गढ़वाल राइफल्स के 67 जवानों ने फौजी हुकुम ना मानते हुए अपनी राइफल जमीन में रख दी। चंद्र सिंह गढ़वाली को इस कारण बहुत सी यातनाएं दी गई। राहुल सांकृत्यायन की पुस्तक का नाटक रूपांतरण साहिल सिंह तथा प्रतीक नेगी ने किया है। नाटक का कुशल निर्देशन गिन्नी बब्बर ने किया है। नाटक के सभी पात्रों ने पात्र के अनुरूप कुशल अभिनय किया। मुख्य पात्रों में साहिल सिंह, प्रतीक नेगी, नीतीश कटारिया और अकबर के अभिनय की विशेष रूप से प्रशंसा की गई। नाटक में प्रकाश परिकल्पना नाटक के अनुरूप थी। बहुत कम ताम झाम के साथ यह एक सुकून देने वाला नाट्य प्रदर्शन रहा। नाटक के मुख्य अतिथि राम राज द्विवेदी मुख्य प्रबंधक ओएनजीसी ने दीप प्रज्वलित किया तथा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम का प्रारंभ किया। उन्होंने वातायान संस्था द्वारा वंचित किए जाने वाले नाटकों की प्रशंसा की तथा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर गढ़वाल सभ के अध्यक्ष रोशन धस्माना, सचिव गजेंद्र वर्मा,कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला, कार्यकारिणी सदस्य मंजुल मयंक मिश्रा, मदन डुकलान, रामेंद्र कोटनाला, हरीश भट्ट, प्रदीप घिल्डियाल, नवनीत गैरोला, सलमान जैदी, सुषमा बर्थवाल, केतन प्रकाश, रजनी अस्थाना, रजनी शर्मा, सोनिया, अंशुमन,अभिषेक गजेन्द्र भण्डारी आदि उपस्थित थे।

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