एहतियात,स्वच्छता है आई फ्लू संक्रमण में अहम .डा विकास दीक्षित

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सोल ऑफ इंडिया, हरिद्वार/
राजधानी देहरादून, हरिद्वार सहित राज्य के कई जिलों में पिछले दिनों में आई फ्लू संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। अत्यधिक संक्रामक मानी जानी वाली यह बीमारी वायरस/बैक्टीरियल संक्रमण के अलावा एलर्जी के कारण भी हो सकती है। आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें रोगी को आंखों में लालिमा, खुजली, जलन, चिपचिपापन भी हो सकती है। आमतौर पर इस संक्रमण को अधिक गंभीर नहीं माना जाता है और ये एक या दो सप्ताह में स्वयं ही ठीक हो जाता है।

यह संक्रमण आपकी आंखों में गंभीर क्षति तो नहीं पहुंचाता है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इससे बचाव करते रहने को लेकर सलाह देते हैं।

*हरिद्वार नगर के वरिष्ठ बालरोग चिकित्सक डॉ. विकास दीक्षित* , देवभूमि पॉलीक्लिनिक, हरिद्वार द्वारा जनहित में आई फ्लू पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि आई फ्लू ( कंजक्टिवाइटिस) आंखों का एक संक्रमण है जो अधिकतर वायरस द्वारा फैलता है। यह विशेषकर मानसून में अधिक होता है व बच्चों में यह संक्रमण अधिक पाया जाता है।

क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उन्होंने बताया कि इसके लक्षणों में आंखों से पानी व कीचड़ आना, आंखों का लालपन, आंखों में खुजली, जलन, व दर्द होना मुख्य है। डॉ दीक्षित ने बताया कि संक्रमण ठीक होने में औसतन 2 से 8 दिन का समय लगता है। ऐसे में बचाव व सावधानी अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए। मुंह व आंख से हाथ नहीं लगाने चाहिए। रुमाल, तौलिया व चादर किसी से साझा ना करें। यह रोग संक्रामक है व एक दूसरे से फैलता है इसीलिए भीड़भाड़ वाली जगहों पे ना जाए व तैराकी से भी परहेज करे।

घर से,बाहर निकलने ,कार्यालय, भीड़ भाड़ वाली जगह, मॉल, सिनेप्लाजा खेल मैदान मंदिर इत्यादि जगह पे काले चश्मा का प्रयोग करे।

दवाई के लिए सभी को चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाई न लें।
डॉक्टर बताते हैं कुछ सामान्य सी बातों को ध्यान में रखकर आई फ्लू की समस्या के जोखिमों को कम किया जा सकता है।
स्वच्छता का ध्यान रखें: अपने हाथ बार-बार धोएं। तौलिये या सौंदर्य प्रसाधन जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करें।
आंखों को रगड़ें नहीं: आंखों को छूने या रगड़ने से बचें, क्योंकि इससे आंखों में कीटाणु पहुंच सकते हैं।
सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें: यह आपको बाहरी संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक होगा।
संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें: यदि आपके आस-पास किसी को आई फ्लू है, तो संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित दूरी बनाए रखें।

हाथों की स्वच्छता जरूरी –
आई फ्लू हो जाए तो क्या करें?

अगर आपको आई फ्लू हो गया है तो कुछ उपाय आपके जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकते हैं।

अपने हाथ बार-बार धोएं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए साफ तौलिए, वॉशक्लॉथ का इस्तेमाल करें।
अपनी आंखों पर साफ, ठंडी सेक लगाएं, इससे आई फ्लू के कारण होने वाली असुविधा को कम करने में मदद मिल सकती है।
आंखों की सफाई का ध्यान रखें। बेहतर रहेगा आप टिश्यू का इस्तेमाल करें और फिर उसे फेंक दें।
क्या है डॉक्टर की सलाह?

डॉक्टर कहते हैं, आई फ्लू के अधिकतर मामले सामान्य उपायों के साथ ठीक किए जा सकते हैं। यदि आपको बहुत ज्यादा दर्द, जलन या असहजता की शिकायत हो तो किसी डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग न करें। कई और भी बीमारियों में कंजंक्टिवाइटिस की तरह ही लक्षण हो सकते हैं, इसलिए समस्या का सही निदान और डॉक्टरी सलाह पर ही किसी दवा का प्रयोग किया जाना चाहिए।

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