पत्रकार हितों की मांगों को लेकर कांग्रेस-भाजपा घोषणा कमेटी के नेताओं को दिए ज्ञापन

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जार व एनयूजेआई ने भाजपा घोषणा कमेटी के संयोजक अर्जुन लाल मेघवाल, घनश्याम तिवाड़ी व कॉग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सीपी जोशी, नीरज डांगी को दिया पत्र

जयपुर। जर्नलिस्टस एसोसिएशन आॅफ राजस्थान (जार) व नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजेआई)ने भाजपा और कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में पत्रकार हितों से जुड़े मुद्दों को शामिल करवाने के लिए भाजपा और कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की और उन्हें मांगपत्र सौंपे। एनयूजेआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विमलेश शर्मा, सदस्य राकेश शर्मा व संजय सैनी, जार के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष शर्मा, महासचिव भाग सिंह, कोषाध्यक्ष लेशिष जैन
ने भाजपा घोषणा कमेटी के सह संयोजक सांसद घनश्याम तिवाड़ी, कांग्रेस कमेटी के सह संयोजक सांसद नीरज डांगी को
पत्रकारों के हितों से जुड़े मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए ज्ञापन सौंपा। भाजपा व कांग्रेस घोषणा कमेटी के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री अर्जुन लाल मेघवाल व विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को ज्ञापन प्रेषित किया।
उक्त नेताओं को पत्रकारों की प्रमुख मांगे पत्रकार आवास योजना, बुजुर्ग पत्रकार पेंशन योजना (सम्मान राशि) को स्थायी रूप से लागू करने, पत्रकार सुरक्षा कानून, लघु-मझौले समाचार पत्रों को मासिक विज्ञापन तय करने, मुद्रणालय मशीन के लिए रियायती दर पर लोन उपलब्ध कराने, मध्यप्रदेश की तर्ज पर पत्रकारों के मकान निर्माण हेतू रियायती दर पर ऋण देने, मीडिया काउंसिल व नेशनल जर्नलिस्टस रजिस्टर के गठन,
डिजिटल पॉलिसी के नियम सरल करने, पत्रकारों के अधिस्वीकरण के नियम सरल करने और समाचार पत्रों में अधिस्वीकरण पत्रकारों का कोटा बढ़ाने आदि मुद्दो की जानकारी दी। साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए। इन सभी मुद्दों को पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करने का आग्रह किया गया। नेताओं ने पत्रकार हितों के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करके इन्हें घोषणा पत्र में शामिल करवाने का आश्वासन दिया है।
यह है मांग-पत्र
– 1. पत्रकारिता पेशे के दौरान पत्रकारों पर जानलेवा हमले और उनकी हत्याओं की घटनाएं काफ ी होने लगी है। ऐसे में चिकित्सकों व वकीलों की तर्ज पर पत्रकारों के लिए भी पत्रकार सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाए। इस अधिनियम से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
2. पत्रकारों को आर्थिक संबल और सामाजिक सुरक्षा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में पत्रकार आवास योजना सृजित की जाए। साथ ही ग्रामीण पत्रकार भी इस योजना से लाभांवित हो सके, इसके लिए उपखण्ड स्तर पर आवास योजना लागू की जाए।
3. पत्रकारों के बच्चों के लिए आरटीई, जवाहर नवोदय विद्यालय, महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में दो फीसदी कोटा आरक्षित किया जाए।
4. पत्रकारों के बच्चों के लिए लागू छात्रवृत्ति योजना की राशि काफ ी कम है। इस राशि को संबंधित संस्थानों की फ ीस के बराबर की जाए।
5. मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर पत्रकारों के आवास निर्माण हेतू रियायती दर पर ऋण मुहैया करवाया जाए।
6. जयपुर में मीडिया सेंटर बनाया जाए, ताकि पत्रकारों को एक जगह पर अध्ययन-अध्यापन का माहौल मिल सके।
7. वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि स्कीम को बरकरार रखा जाए।
8. वकीलों की तर्ज पर राज्य में राजस्थान मीडिया काउंसिल और नेशनल जर्नलिस्ट्स रजिस्ट्रर का गठन किया जाए। ताकि पत्रकारिता को बदनाम करने वाले गैर पत्रकारिता में लिप्त आपराधिक व्यक्तियों व समूहों पर कानूनी अकुंश लग सके। इससे वास्तविक पत्रकारों को संरक्षण मिल सकेगा।
9. लघु व मझौले समाचार पत्रों (दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक) को आर्थिक संबल व मजबूती देने के लिए मुद्रणालय मशीन व कार्यालय स्थापित करने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण दिए जाने और रियायती जमीन आवंटन के प्रावधान किए जाए।
10. सरकार ने डिजिटल पॉलिसी तो लागू कर दी लेकिन पॉलिसी के प्रावधान इतने कड़े है कि इसके लाभ सिर्फ बड़े समाचार पत्रों, चैनलों की वेबसाइट को मिल रहे हैं। मध्यम व छोटे स्तर पर न्यूज वेबपोर्टल का संचालन करने वाले पत्रकारों को पालिसी का लाभ मिल सके, इसके लिए डिजिटल पॉलिसी के नियम व प्रावधान सरल किए जाए।
11. मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों व गैर पत्रकार कर्मियों को कानून सम्मत वेतनमान और भत्ते मिलते रहे, इसके लिए श्रम विभाग के अधीन अलग से सेल बनाई जाए।

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