भोजन में पोषक तत्वों की कमी महिलाओं को एनीमिक बना देती है

0

देहरादून। संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर, जाखन, देहरादून द्वारा आयोजित वेबिनार में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डॉ. सुजाता संजय, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने गर्भावस्था के दौरान खून की कमी के बारे में जानकारी दी। इस जन-जागरूकता व्याख्यान में  उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब से 145 से अधिक मेडिकल नर्सिंग छात्र-छात्राओं एवं किशोरियों ने भाग लिया। संजय मैटरनिटी सेंटर की निदेशक, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय ने वेबिनार के दौरान बताया कि मानव शरीर में लौह तत्वों की कमी एनीमिया का मुख्य कारण है। इससे ज्यादातर महिलाएं और बच्चे पीड़ित होते हैं। इसके शिकार किसी भी मौसम में हो सकते हैं। इसकी अनदेखी खतरनाक हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान खून की कमी की वजह से गर्भवती महिला को समय से पहले प्रसव दर्द होना आम बात है। खून की कमी की वजह से शिशु भी कम वजन वाला और कमजोर पैदा होता है और कई बार खून की कमी की वजह से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत भी हो जाती है। जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य रहे इसके लिए गर्भावस्था में महिलाओं को आयरन, विटामिन, मिनरल की ज्यादा जरूरत होती है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी महिलाओं को एनीमिक बना देती है। एक स्वस्थ महिला में हिमोग्लोबिन की मात्रा 12 ग्राम होनी चाहिए।
डॉ. सुजाता संजय के अनुसार, महिलाओं को गर्भावस्था में सबसे बड़ा खतरा एनीमिया का होता है। महिलाओं को खान-पान में पोषक तत्वों का अभाव रहने की वजह से मातृ मृत्यु-दर के अधिकतर मामलों में खून की कमी प्रमुख कारण बनती हैं। शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन ही हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। यह कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में आक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी जह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं। एक अध्ययन में यह भी देखने को मिला कि मलिन बस्तियों की महिलाओं को आयरन की गोलियां के बारे में तो जानकारी होती है, लेकिन वह एनिमिया से अंजान होती हैं। उन्हें यह भी पता होता है कि सरकार की ओर से उन्हें आयरन की गोलियां मुफ्त में दी जाती हैं। डॉ. सुजाता संजय ने बेवीनार में यह भी बताया कि गर्भवस्था के दौरान एनीमिया की कमी जन्म लेने बच्चे के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। जिसमें शिशु जन्म के दौरान माँ की मौत, प्रीमेच्योर बच्चा पैदा होना, जन्म के वक्त बच्चे का वजन काफी कम होना, मृत बच्चे का भी जन्म लेना और बच्चे के दिमाग पर भी असर पड़ सकता है। ड0ॉ. सुजाता संजय ने एनिमिया के बचाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि गर्भावस्था में महिलाओं को संतुलित आहार लेना आवश्यक होता है। जैसे पत्ते वाली हरी साग-सबिजयां खाना चाहिए। साथ ही मौसमी फलों के सेवन के साथ टमाटर, चुकदंर, पीन खजूर, गुड़, सेब, दूध आदि का सेवन रूर करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share