त्रिलोक चंद्र भट्ट

हमारा गर्व और हमारा अभिमान “हिंदी” भाषा के रूप में न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
यह समस्त भारत में आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक सम्पर्क माध्यम के रूप में प्रयोग के लिए सक्षम है तथा इसे सारे देश के लिए सीखना आवश्यक है।
आज़ादी मिलने के दो साल बाद, 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया था. लेकिन अभी भी देश के कई प्रदेशों में यह राजभाषा के रूप में सम्मान नहीं पा सकी है. “हिंदी बेल्ट” जिनकी आधिकारिक भाषा आधुनिक मानक हिंदी है, उनमें बिहार , छत्तीसगढ़ , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश , झारखंड , मध्य प्रदेश , राजस्थान , उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड , साथ ही केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शामिल हैं.
दक्षिण भारत में अधिकतर
तेलुगू ,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोली जाती है.
महाराष्ट्र में मराठी, गुजरात में गुजराती इस तरह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोलीं जाती हैं मगर इस सभी राज्यों में हिंदी समझने और बोलने वाले लोगों की भी एक अच्छी खासी संख्या है.

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