अन्धाधुन्ध पेड़ों के कटान, बढते प्रदूषण तथा तापमान के लिए पर्यावरण प्रेमियो ने सरकारी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया

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Soulofindia,देहरादून/ दून मे बढते कंक्रीट के जंगलो,हाईराईज बिल्डिंग निर्माण ,विकास के नाम पर अन्धाधुन्ध पेडो के कटान,बढते प्रदूषण तथा तापमान के लिए पर्यावरण प्रेमियो ने सरकारी नीतियो को ठहराया जिम्मेदार।इन्होने राज्य मे कोई ठोस पर्यावरण संरक्षण नीति न होने के लिए जनप्रतिनिधियो की बेरूखी पर क्षोभ भी व्यक्त किया। दून लाईब्रेरी मे सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून” द्वारा ‘ग्रीन दून के सतत विकास के लिए शहरी वृक्ष प्रबंधन”विषय पर आयोजित संवाद मे शहरी हरियाली को बढ़ावा देने की चुनौतियों के साथ-साथ शहरी हीट आइलैंड प्रभाव और घटते भूजल स्तर के मुद्दों पर भी चिन्ता व्यक्त की गयी।कार्यक्रम मे रिस्पना बिंदाल नदियो के किनारे एमडीडीए द्वारा विकसित की गयी जमीन पर वृक्षारोपण कराने,सडको पर लगते जाम से पैदा प्रदूषण पर रोक लगाने,बार बार सडको की खुदाई की आदत से बाज आने,सहस्रधारारोड,हरिद्वार बाईपास,रायपुर रोड पर वृक्षारोपण कराने की मांग भी सरकार से की गयी।

संवाद मे पैनल के रूप मे जयराज,एनपी सिंह, प्रवीण कुश,कहकशां नसीम,नीरज शर्मा,रूची सिंह राव सहित डॉ.रवि चोपड़ा,अनूप नौटियाल,डॉ.नितिन पांडे,रीनू पॉल,जया सिंह, हिमांशु अरोड़ा,अनीश लाल,संयुक्त नागरिक संगठन के ब्रिगेडियर केजीबहल,जीएस जस्सल,आशीष गर्ग,जगमोहन मेहंदिरता,अवधेश शर्मा,विनोद नौटियाल,सुशील त्यागी,चौ.ओमवीर सिंह,दीपचंद शर्मा,रमा गोयल,जगदीश बावला,दीपचंद शर्मा,यज्ञभूषण शर्मा,आर एस धुनता,बिशमभरनाथ बजाज,प्रकाश नागिया, मनोज ध्यानी, खुशवीर सिंह,जसबीर सिंह रिनोत्रा,परमजीत सिंह आदि भी शामिल हुए। संचालन ईरा चौहान ने किया।

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