एमडीडीए के मास्टर प्लान 2041 को हिंदी भाषा में अनुवादित कराने की मांग

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देहरादून/ अंग्रेजी भाषा मे लिखे एमडीडीए के मास्टर प्लान 2041 को हिंदी भाषा में अनुवादित कराकर इसे समाचार पत्रों में प्रकाशित कराते हुए दूनवासियो से सुझाव लिए जाने की संयुक्त नागरिक संगठन ने उठायी आवाज।
इस बारे मे मुख्यमंत्री,मुख्यसचिव,सचिव शहरी विकास तथा जिलाधिकारी को लिखे पत्र मे बताया गया है की योजना अंग्रेजी भाषा में तैयार की गई है जिस पर हिंदी भाषी दूनवासी आक्रोशित हैं। केंद्र सरकार के राजभाषा अधिनियम 1976 तथा उत्तराखंड राजभाषा अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुपालन में राज्य के सभी सरकारी कार्यालयो में सरकारी कार्य हिंदी में किए जाने के निर्देश हैं पर एमडीडीए के अंग्रेजी भाषा प्रेमी अधिकारियो द्वारा जानबूझकर इस मास्टर प्लान को अंग्रेजी भाषा में इसलिए तैयार किया गया जिससे आमजन इस पर अपनी आपत्तियां जाहिर न कर सके।जबकि नियमों के अंतर्गत योजना पर दूनवासियो के सुझाव आपत्तियां लिए जाने अनिवार्य हैं।इन अधिकारियो द्वारा धनकुबेर भूमाफियाओ और बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है यह आम चर्चा है।पत्र मे कहा गया है की जिस प्रकार राज्य मे सरकारी योजनाओं के शिलान्यास, भूमि पूजन,लोकार्पण,प्रशंसा,प्रगति आदि के पूरे पृष्ठो के विज्ञापन जनधन से प्रादेशिक समाचार पत्रों में आये दिन  प्रकाशित कराये जाते है बिल्कुल ठीक इसी प्रकार एमडीडीए की योजना 2041 को हिंदी में अनुवादित कराते हुए इसे पूर्ण रूप से प्रकाशित कर दूनवासियोसे  सुझाव लिए जाने हेत हिंदी भाषा के गुलाम एमडीडीए के अधिकारियों को आदेश दिये जाये।पत्र की प्रतिलिपि केन्द्रीय शहरीविकास मंत्री हरदीपसिहं पुरी तथा केन्द्रिय सचिव शहरीविकास को भी भेजी गयी है। इस मांग का समर्थन नवीन नैथानी,शेरसिहं पोखरियाल,बिशमभरनाथ बजाज,एडवोकेट रविसिंह नेगी,विनोद नौटियाल,निलेश राठी,सुशील सैनी,गुलिस्ताखानम,सेवासिंह मठारू,पुरषोत्तम भट्ट आदि ने भी किया है। प्रेषक सुशील त्यागी सचिव संयुक्तनागरिकसंगठन दिनांक 18नवमबर 2023।

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