डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर छठ व्रतियों ने मांगा मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद

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Soulofindia

हरिद्वार। डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के साथ छठ पूजा का तीसरा चरण पूरा हो गया। जिसमें छठ व्रतियों ने सांयकाल में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर मनोकामनाएं पुर्ति का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान हरिद्वार के समस्त घाटों पर उत्सव का नजारा देखने को मिला। छठ व्रतियों को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी ।

घाट पर छठ व्रतियों के आने – जाने के दौरान सड़कों पर भारी जाम लगा रहा। सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही छठ पर्व का समापन हो जायेगा। सूर्योपासना एवं लोक आस्था के पर्व छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के लिए छठ व्रतियों की भीड़ गंगा घाटों पर जुटी। दोपहर तीन बजे से ही छठ का डाला लेकर श्रद्धालुओं का गंगा घाट पहुंचने क्रम जारी हो गया। छठ व्रतियों के लिए गंगा घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया। पारंपरिक धुनों पर आधारित गीत संगीत से वातावरण गुंजायमान रहा। छठ व्रतियों ने ठंडे जल में खड़े रहकर भगवान सूर्यनारायण के अस्त होने का इंतजार किया। जैसे ही सूर्य नारायण असस्त हुए, व्रतियों ने अर्घ्य प्रदान कर परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद मांगा। पूर्वांचल समाज से जुड़ी संस्थाओं की ओर से घाटों पर रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से उत्तरी हरिद्वार के गीता कुटीर घाट पर गंगा के मध्य में विशाल पंडाल लगाकर सुंदर व्यवस्था की गई। इसी प्रकार बहादराबाद के गंगनहर पुल के समीप छठ पर हजारों की संख्या में छठ व्रतियों के छठ पूजा समिति की ओर व्यवस्था की गई। नवोदय नगर के छठ घाट, भेल के शिव मंदिर, शिवालिक नगर में छठ घाट का निर्माण किया गया है। वहीं कनखल के राधा रास बिहारी घाट पर छठ व्रतियों ने भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य प्रदान किया। बैरागी कैंप, गोविंद घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, पुल जटवाड़ा घाट, विश्वकर्मा घाट, पायलट बाबा सहित सभी घाटों पर उत्सव का नजारा देखने को मिला। पूर्वांचल उत्थान संस्था, पूर्वांचल जनजागृति संस्था, छठ पूजा समिति, पूर्वांचल भोजपुरी महासभा सहित अन्य संस्थाओं की ओर से छठ पर्व धूमधाम से मनाने की व्यापक तैयारियां की गई है। पूर्वांचल उत्थान संस्था के संरक्षक महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज ने कहा की प्रकृति की उपासना का पर्व छठ पर्व आयू, आरोग्य एवं ऐश्वर्य प्रदान करता है। स्वस्थ एवं निरोगी जीवन के लिए प्रकृति के नियमों का अनुपालन जरूरी है ‌ छठ पर्व का यही संदेश है। बाबा आलोक गिरी महाराज ने कहा कि छठ पर्व समाजिक एकता का प्रतीक है। लोग एक साथ मिलजुल कर पर्व को मनाते हैं। यही छठ की विशेषता है। ।

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