बुरांश उत्तराखंड का राजकीय वृक्ष है, जबकि यह हिमाचल और नागालैंड का राजकीय पुष्प भी है। एनवायर्नमेंटल इनफार्मेशन सिस्टम (ईएनवीआईएस) रिसोर्स पार्टनर ऑन बायोडायवर्सिटी के मुताबिक बुरांश का वानस्पतिक नाम रोडोडेंड्रोन अर्बोरियम एसएम है। बुरांश को अंग्रेज़ी में रोडोडेंड्रोन और संस्कृत में कुर्वाक के नाम से भी जाना जाता है। मार्च-अप्रैल के महीनों में बुरांश के फूलने का समय है। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में बुरांश की आर. आर्पोरियम नामक प्रजाति पाई जाती है। यह प्रजाति कुमाऊं और गढ़वाल के हिमालयी क्षेत्र में बहुत अधिक पाई जाती है।
बुरांश के फूलों से बना शरबत हृदय रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इन पंखुड़ियों का उपयोग सर्दी, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और बुखार को दूर करने के लिए किया जाता है। स्थानीय लोग इसका इस्तेमाल स्क्वैश और जैम बनाने में करते हैं। साथ ही इसकी चटनी को आज भी ग्रामीण इलाकों में पसंद किया जाता है।
बुरांश के औषधीय उपयोग में सिर दर्द का कम करने के लिए कोमल पत्तियों को माथे पर लगाया जाता है। फूल और छाल का उपयोग पाचन और श्वसन संबंधी विकारों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

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