बहा पुल नहीं बना, बच्चों को स्कूल भेजना भी बड़ी चुनौती बना

0

कोटद्वार। तरक्की के इस काल में कितना अजीब है कि पिछले पांच वर्षों से पच्चीस परिवार घर से मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए रास्ता तलाश रहे हैं। लेकिन सरकारी तंत्र उन्हें रास्ता मुहैया नहीं करवा पा रहा। बात है कोटद्वार नगर निगम के अंतर्गत रतनपुर की, जहां पच्चीस परिवार बरसाती गदेरे बहेड़ा स्रोत के तट पर बसे होने का दंश झेल रहे हैं।
इन परिवारों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए बना पुल अगस्त 2017 में बहेड़ा स्रोत के तेज बहाव की भेंट चढ़ गया। पांच वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन, आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है।
विदित हो लंबे इंतजार के बाद वर्ष 2012-13 में शासन ने रतनपुर (कुंभीचैड़) में 25 परिवारों की आवाजाही के लिए बहेड़ा स्रोत पर पैदल पुल का निर्माण करवाया। लेकिन, अगस्त 2017 में क्षेत्र में आई आपदा के दौरान यह पुल बहेड़ा स्रोत की भेंट चढ़ गया। नतीजा, पुल के लाभान्वित 25 परिवारों पर एक बार फिर रास्ते का संकट गहरा गया।
क्षेत्रीय जन पिछले पांच वर्षों से लगातार बहेड़ा स्रोत पर पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन, उनकी सुनने वाला कोई नहीं। क्षेत्रीय जन मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक सहित विभागीय कार्यालयों में अपनी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, कोई फायदा नहीं हो रहा। क्षेत्रीय जनों की माने तो दो मर्तबा पुल निर्माण का सर्वे किया गया। लेकिन, पुल का निर्माण नहीं हो पाया।
क्षेत्रीय जन सिद्धांत असवाल, सावित्री देवी, वामदेव शाह, सुमनलता, रानी आदि ने बताया कि उन्हें मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए स्रोत को पार करना पड़ता है। कहा कि बरसात के मौसम में स्रोत में पानी होने के कारण घर में कैद होना उनकी मजबूरी बन जाती है। वर्षा काल में बच्चों को स्कूल भेजना भी बड़ी चुनौती रहती है। कहा कि लोगों से अनुनय-विनय कर उनके आंगन से होकर गुजरना पड़ता है।
इधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि बहेड़ा स्रोत में पैदल पुल का निर्माण किया जाना है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग पैदल पुल का निर्माण नहीं करता। नगर निगम अथवा ग्राम्य विकास विभाग पुल निर्माण कर सकता है। विधायक निधि से भी इस पुल का निर्माण किया जा सकता है। अब देखते हैं कि कब इस रात की सुबह होती है/

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share