सार्वजनिक नागरिक सेवाओं में बदहाली को लेकर आक्रोशित दिखाई दिये दूनवासी
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Soulofindia
देहरादून/ संयुक्त नागरिक संगठन तथा अ.भा.उपभोक्ता समिति कीओर से राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस पर दून क्लब में आयोजित जनसंवाद में दूनवासी उपभोक्ता सार्वजनिक नागरिक सेवाओं में बदहाली को लेकर हुए आक्रोशित दिखाई दिये/
कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रि.केजीबहल ने की। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कंक्रीट के जंगल में बदल गए दून के बदहाल हालातो के लिए शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी, आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण, शहरी नियोजन तथा विकास विभाग, चीफ टाउन प्लानर सभी जिम्मेदार हैं।जागरूक नागरिको का कहना था कि ऐसे अधूरे विकास जिससे आमजन के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे पैदा होते हैं तो वह भावी पीढ़ी के लिए विनाश का प्रतीक बनेगा।क्योकि राजधानी मे दिनोदिन बढ रही आबादी तथा वाहनो की संख्या का असहनीय बोझ अब यह शहर झेलने मे असमर्थ है।कुछ वकताओ ने कहा उत्तराखंड के गठन के 23 सालों में भी आम नागरिकों को सार्वजनिक उपभोग और उपयोग की सेवाओं सुविधाओं को पूर्णतया सुनिश्चित किया जाना सभी सरकारों का दायित्व था जिसपर सभी सरकारो ने अपनी आंखे बन्द कर रखी थी। विद्युत मूल्य में वृद्धि इस विभाग में लाइन लॉस के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुकी है जिसका भार उपभोक्ताओ पर डाला जा रहा है।इस दौरान कुछ सीनियर सिटिजन का मत था की स्मार्ट सिटी परियोजना केवल 10 वार्ड तक ही सीमित है जिसे अन्य 90 वार्डन तक विस्तारित किया जाना जरूरी है।इन्वेस्टर समिट के चलते मुख्य सड़कों के चौड़ीकरण के बाद भी इनपर लगते जाम से मुक्ति पाने के लिए एनसीआर की तरह एलिवेटेड रोड बनाए जाने जरूरी है जिससे सड़कों पर दबाव कम हो सके, इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।इलेक्ट्रिक बसो के बेड़े में 200 बसे और जोड़ी जानी जरूरी है जिससे ऋषिकेश विकास नगर मसूरी आदि क्षेत्रों के निवासियों को राहत उपलब्ध हो सके। कार्यक्रम मे संगठन द्वारा उद्घोषित दूनडिक्लेरेशन में प्रस्तुत सुझावों के जवाब में स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लिखे स्पष्टीकरण को संगठन के उपाध्यक्ष जीएस जस्सल द्वारा विचारार्थ रखते हुए कहा गया कि अधूरी परियोजनाएं जिनमे इंटीग्रेटेड ड्रेनेज और सीवरेज स्कीम, स्मार्टरोड,चाइल्ड फ्रेंडली सिटी, स्मार्टपोल, ग्रीन बिल्डिंग की जो योजनाएं अधूरी बताई गई है, उनको प्राथमिकता से पूरा करने हेतु संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों पर लगाम लगायी जानी जरूरी है।उन्होने कहा इसके अलावा कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी नगर निगम,परिवहन की आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस तथा निर्माण कि जिम्मेदारी एमडीडीए पर डालकर इतिश्री कर ली गयी है।कार्यक्रम का संचालन सुशील त्यागी ने किया।इसमे मुख्य अतिथि जस्टिस पीसीअग्रवाल, दीपक नागलिया,सहित जनहित में संघर्षरत सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियो में शक्ति प्रसाद डिमरी,ब्रिगेडियर केजीबहल,जितेन्द्र डडोना,ठाकुर आरएस कैनथुरा,विमल प्रकाश नैथानी,अमर सिंह धुनता,अवधेश शर्मा, आशीष गर्ग, मुकेश नारायण शर्मा, पीसी नागिया,जसविंदर कौर,यज्ञभूषण शर्मा, जीएस जीएस जस्सल,बिशमभरनाथ बजाज, परमजीत कक्कड़, सुखबीर सिंह, निलेश राठी, लेफ्टिनेंट कर्नल बीएम थापा, देवेंद्रपाल मोंटी,राकेश मिश्रा,बीएस भंडारी,जेपी कुकरेती, एलपी रतूड़ी, जगमोहन मेहंदीरता, अशोक मल? दीपक शर्मा,विनोद नौटियाल आदि शामिल थे।