मुठभेड़ में ढेर अमरजीत के मामले की होगी मजिस्ट्रीयल जांच
मामले में सीओ एसटीएफ ऋषि बल्लभ चमोला ने थाना भगवानपुर में मुकदमा दर्ज कराया था
हरिद्वार। पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह की मौत मामले में अब डीएम हरिद्वार द्वारा मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश जारी कर दिये गये है। नानकमत्ता गुरुद्वारे के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह की पिछले दिनों भगवानपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई थी। अब इस मामले की मजिस्ट्रीयल जांच की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा आदेश जारी करते हुए एसडीएम भगवानपुर जितेंद्र कुमार को जांच अधिकारी नामित किया है। जबकि प्रारंभिक जांच के लिए पहले ही रुड़की सीओ को जांच अधिकारी बनाया गया था।
बता दें कि बीते 28 मार्च की सुबह बाइक सवार शूटरों ने नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने षड्यंत्र में शामिल नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिटृू निवासी ग्राम सिहौरा, थाना बिलासपुर जिला रामपुर यूपी को बाइक पर जाते हुए भगवानपुर क्षेत्र के इमली रोड छंगामजरी रोड पर पुलिस व एसटीएएफ की टीम ने पीछा कर रोकने की कोशिश की थी। तब उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। दूसरा बदमाश सर्वजीत सिंह अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया था। जवाबी फायरिंग में उसे कई गोलियां लगी थी, अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मामले में सीओ एसटीएफ ऋषि बल्लभ चमोला ने थाना भगवानपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी प्रारंभिक जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को सौंपी गई। एसएसपी की ओर से प्रकरण की मजिस्ट्रीयल जांच कराने की अपेक्षा की गई। जिस पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने एसडीएम जितेंद्र कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है। एसडीएम ने बताया कि जांच में किसी व्यक्ति को कोई अभिलेख या मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करना है तो विकास खंड कार्यालय भगवानपुर में आकर प्रस्तुत कर सकता है।