हर महीने के प्रथम रविवार को मनाई जाएंगी स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों की जयन्ती एवं पुण्यतिथि
हरिद्वार/हर महीने के प्रथम रविवार 10 बजे 10 मिनट अपने पूर्वजों के नाम अभियान के अंतर्गत आज देशभर में स्वतंत्रता सेनानी स्मारकों/शहीद स्थलों में ध्वजारोहण, राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत का गायन किया गया। इस बार बिहार तथा उड़ीसा में भी उत्साह पूर्वक अपने पूर्वजों को पुष्पांजलि समर्पित की गईं।
2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता गांधी जयंती तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जयंती होने के कारण अधिकांश स्थानों पर यह कार्यक्रम कल आयोजित किए जाएंगे, हरिद्वार में आज वटवृक्ष सुनहरा, स्वतंत्रता सेनानी स्मारकों भगवानपुर, लक्सर रुड़की, बहादराबाद के साथ ही अमर शहीद जगदीश वत्स पार्क जटवाड़ा पुल ज्वालापुर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकार जी ने ध्वजारोहण किया। पुष्पांजलि एवं राष्ट्रगान के बाद स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि हर महीने प्रथम रविवार 10 बजे 10 मिनट कार्यक्रम अब सेनानी परिवारों द्वारा देशभर में आयोजित होने लगा है। यह देशभक्ति की धारा प्रवाहित करने वाला कार्यक्रम और भी अधिक प्रभावी बने इसके लिए स्वजनों के सुझावों के आधार पर अगले महीने से जिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों या शहीदों की जयन्ती या पुण्यतिथि गत माह में होंगी, उन्हें भी इन कार्यक्रमों में स्मरण करते हुए पुष्पांजलि समर्पित की जाएंगी और उनके कर्तृत्व पर प्रकाश डाला जाएगा।
आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महन्त सोमगिरि जी के सुपुत्र महन्त अनिल गिरि ने अपने क्रान्तिकारी पिता की जीवनगाथा के कुछ संस्मरण सुनाए, जिसमें अंग्रेजों से नफरत की चरम सीमा का उदाहरण देते हुए बताया कि हरिद्वार में बिजली की व्यवस्था होने के बावजूद उनकी मान्यता थी कि यह बिजली अंग्रेजों की है अतः बिजली का उपयोग उन्होंने कभी भी नहीं किया, सदैव लालटेन ही जलाते रहे। जीवन भर खादी के ही कपड़े पहने।
इसके पूर्व शहीद जगदीश वत्स पार्क में राष्ट्रपिता गांधी जी को स्वच्छतांजलि समर्पित करते हुए पार्क के चारों तरफ सफाई की गई, नगर निगम के कर्मचारियों का भी सराहनीय योगदान रहा। स्वच्छता अभियान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार, जितेन्द्र रघुवंशी, मुरली मनोहर, महन्त अनिल गिरि, वीरेन्द्र गहलोत, शिवेन्द्र गहलोत, नरेन्द्र कुमार वर्मा, कुशल उपाध्याय, सुभाष चन्द्र धींगरा, चन्द्र प्रकाश मगन, सहित कई स्वतंत्रता सेनानी परिवारों का योगदान रहा।