6 सितम्बर,बुधवार को ही मनेगा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का जयन्ती व्रत,

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7 को होगा श्रीकृष्णाष्टमी का व्रत :- ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा!
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ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान,सहरसा बिहार के संस्थापक एवं निर्देशक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को आठवें मुहूर्त में रात्रि के शून्यकाल में रोहणी नक्षत्र में वृषभ लग्न के संयोग में हुआ था, यानी अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में रोहणी नक्षत्र में ही जन्माष्टमी मनाई जानी चाहिए।
पंडित तरुण झा के अनुसार, जो आदमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का व्रत रखना चाहते है, वो 6 सितम्बर, बुधवार को प्रातः काल से व्रत रखकर मध्यरात्री मे जन्मोत्सव मनाएंगे, एवं 07 सितम्बर को कृष्णाष्टमी का व्रत, कृष्णपूजन, षडशोपचार एवं अन्य पूजा होंगी!
06 सितम्बर को रात्री के 08.06 मिनट से अष्ट्मी का प्रवेश होगा, साथ ही दिन के के 02.50 मिनट के बाद रोहिणी नक्षत्र रहने से भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र मे अष्ट्मीयुक्त होगा, भगवान के जन्मआष्ट्मी का जयंतीव्रत, मोहरात्री, शक्तिपूजन भी 06 सितम्बर बुधवार को ही होगा!
एवं 07 सितम्बर,गुरुवार को श्रीकृष्णाअष्ट्मी का व्रत एवं उत्सव होगा!
गृहस्थ और वैष्णव लोग अलग-अलग कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं,जन्माष्टमी के पहले दिन गृहस्थ लोग और दूसरे दिन साधु-संत लोग भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं, ऐसे में इस बार गृहस्थ लोग 6 सितंबर को और वैष्णव लोग 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाये तो उचित होगा!

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