अमिताभ बच्चन के हाथों 21 वर्षीय आयुष को मिल चुका है युवा रेकी हीलर का सम्मान

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हरिद्वार। टेक्‍नोलॉजी के साथ हर दिन आगे बढ़ने की ललक के साथ लोगों के जीवन में तनाव और चिंता भी बढ़ा है। ऐसे में आज के समय में हमें खुद के लिए समय निकालना बेहद जरूरी हो गया है। मेडिटेशन इसमें कारगर है, जो न केवल हमें तनाव और चिंता से दूर करेगा, बल्कि हमें खुद से भी जोड़े रखेगा। इसके लिए रोज खुद के लिए 7 मिनट काफी होंगे, जिसमें हम मेडिटेशन करेंगे। लगातार 21 दिन खुद के लिए यह 7 मिनट निकालें और फिर आप अपने आप में एक बड़ा परिवर्तन महसूस करेंगे।
यह बात देश के सबसे कम उम्र के रेकी हीलर और सबसे युवा टैरो कार्ड रीडर आयुष गुप्ता ने कही। वे बुधवार को हरिद्वार यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड साइंस में मेडिटेशन का एक सेशन लेते हुए छात्रों से रूबरू रहे थे। उन्होंने छात्रों को मेडिटेशन और रेकी हीलिंग के फायदे बताए और साथ ही उन्हें मेडिटेशन करने के सही तरीके की जानकारी भी दी। इस दौरान कई छात्रों ने मेडिटेशन से जुड़े सवाल भी उनसे किए। आयुष ने बताया कि मेडिटेशन के दौरान एकाग्र होने के साथ ही हमारा सही तरीके से बैठना और सही तरीके से सांस लेना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। उन्होंने मेडिटेशन के दौरान छात्रों के बैठने के पोश्चर भी सही किए और सही सांस लेने के तरीके भी बताए। उन्होंने कहा कि सांस लेने का सही तरीका है कि हम सांस लेते हुए नाक से सांस लें और इस दौरान हमारा पेट बाहर की ओर निकालना चाहिए। वहीं, सांस छोड़ते समय सांस मुंह से छोड़ना चाहिए और इस दौरान हमारा पेट अंदर की ओर होना चाहिए। बतौर आयुष मेडिटेशन हमारे जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। बशर्तें हम हर दिन मेडिटेशन करें। लगातार 21 दिन 7 मिनट देने के बाद हम इसे रेगुलर करने लगते है, क्योंकि तब हम इसे पूरे दिल से करने लगते है और लगातार समय देने पर हम इसमें एकाग्र होना भी शुरू हो जाते हैं। मेडिटेशन के दौरान यूनिवर्सिटी चांसलर सीए एसके गुप्ता जी, रजिस्ट्रार ले. सुमित चैहान जी, डायरेक्टर डॉ विपिन सैनी जी और डीन स्टूडेंट वेलफेयर निशा जी भी उपस्थित रहीं।

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