महिलाओं स्वास्थ्य के पर ध्यान देने की आवश्यकता: डा सुरेखा डंगवाल

ड्यूज का द्वितीय राष्ट्रीय सेमिनार
सोल ऑफ इंडिया, देहरादून।
विगत दिवस देहरादून में अपनी स्थापना की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर देवेश्वरी वेलफेयर सोसायटी (ड्यूज़) ने राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया।
आयोजन काफी सफल रहा जिसमे विषय विशेषज्ञ, शोधार्थी, चिकित्सक, चिकित्सीय शिक्षा, समाज सेवा , अकादमिक और समाज के विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सेमिनार का विषय ‘ ग्रामीण भारत में महिलाओं का स्वास्थ्य व्यवहार (उत्तराखंड के संदर्भ में)’ रहा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल रही जिन्होंने सेमिनार विषय और ड्यूज संस्था के मकसद की सराहना भी की।
प्रो डंगवाल ने महिलाओं से कहा कि महिला को शारीरिक रूप में स्वस्थ रहने के लिए मानसिक रूप से भी मजबूत होने की आवश्यकता है। श्रीमती कंचन देवरारी ने महिलाओं से कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह ही स्वास्थ्य जागरुकता में भी महिलाओं को आत्म निर्भर होना होगा।
एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सर्जन डॉ मधुर उनियाल मुख्य वक्ता रहे और स्वामी राम हिमालय यूनिवर्सिटी की डॉ रुचि जुयाल एवं श्रीमती कंचन देवरारी,अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा (उत्तराखण्ड) विशिष्ट अतिथि रहीं। सेमिनार में देहरादून जिले के कई ग्रामों की महिलाओं ने शिरकत की।
कार्यक्रम का आरंभ स्वर्गीय देवेश्वरी पुरोहित की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया।ड्यूज़ के अध्यक्ष डॉ के सी पुरोहित ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में ड्यूज़ की स्मारिका का अनावरण अतिथियों द्वारा किया गया।
ड्यूज़ की सचिव आवृत्ति पुरोहित पोखरियाल ने संस्था के दो वर्षों के कार्यों की रिपोर्ट प्रतुत की।
मंच संचालन डॉ प्रांजलि पुरोहित भट्ट किया। ड्यूज़ के सदस्य वरुण पोखरियाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
उद्घाटन सत्र के पश्चात प्लेनरी सत्र में डॉ मधुर उनियाल और डॉ रुचि जुयाल ने अपने विचार वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक रूप से प्रस्तुत किए जहां डॉ मधुर उनियाल ने अच्छे स्वास्थ्य के लिए पहाड़ी व्यंजनों,खान पान और शारीरिक श्रम को वरीयता देने पर जोर दिया और डॉ रुचि जुयाल ने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर बल दिया।तृतीय सत्र में तृणमूल स्तर पर कार्य करने वाली महिलाओं ने उपस्थिति को संबोधित किया।
प्रमुख वक्ताओं में डॉ दीप्ति उनियाल, मीरा रावत सीता भट्ट ने अपनी भागीदारी दी। विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोध छात्रों ने भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर डॉ योगेश धस्माना, प्रदीप भट्ट, पी एस रावत, अनुपमा खाली, डॉ हरेंद्र गुसाईं, डॉ जितेंद्र नेगी, डॉ सी एस तिवारी आदि मौजूद रहे।