भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह के लिए जून 2023 तक स्थान बुक
रूद्रप्रयाग। भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी का सपना संजोने वाले जोड़ों को अगले साल जून तक इंतजार करना पडे़गा। क्योंकि, यहां शादी के लिए जून 2023 तक बुकिंग फुल हो चुकी है। पिछले कुछ समय से प्रतिवर्ष काफी संख्या में लोग शादी के लिए यहां पहुंच रहे हैं। इस वर्ष 14 जनवरी से 15 दिसंबर तक त्रियुगीनारायण मंदिर में 80 विवाह हुए हैं जिसमें स्थानीय के साथ जिले के अन्य क्षेत्रों और बाहरी जनपदों के भी शामिल हैं। तीर्थपुरोहित समिति के पास अभी तक कुल 25 विवाह आयोजन का पंजीकरण हो चुका है।
त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह आयोजन के लिए तीर्थ पुरोहित समिति में पंजीकरण करवाना होता है। इसके तहत वर-कन्या का नाम व पता और विवाह तिथि लिखी जाती है जिसकी एक प्रतिलिपि संबंधित पक्ष को दी जाती है। समिति इस कार्य के 1100 रुपये शुल्क लेती है। इस शुल्क से समिति शादी मंडप स्थल पर बैठने की व्यवस्था करती है। शादी समारोह की सभी व्यवस्थाएं स्थानीय स्तर पर ग्रामीण व तीर्थपुरोहित करते हैं।
भगवान विष्णु को साक्षी मानकर त्रियुगीनारायण में भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया था। इस विवाह की तीन युगों से जल रही अखंड ज्योति मौजूद है जिसे सप्तवेदी भी कहा जाता है। यहां मंदिर बना तो लोगों में इस पवित्र स्थल पर अखंड ज्योति को साक्षी मानकर विवाह करने का क्रेज बढ़ा। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार द्वारा त्रियुगीनारायण को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई थी।