उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव: गुलाबी शरारा की धुन पर खूब नाचे दर्शक
महोत्सव का हुआ समापन
कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देना, कारीगरों के लिए एक मंच प्रदान करना और गर्व व एकता की भावना को बढ़ावा देना था।
देहरादून। उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव 2024 का आज परेड ग्राउंड में गायक इंदर आर्या के लोकप्रिय गीत गुलाबी शरारा की मनमोहक धुनों के साथ समापन हुआ। समापन वाले दिन दूनवासियों की भारी भीड़ देखने को मिली, जिन्होंने राज्य की समृद्ध जनजातीय संस्कृति का जश्न मनाया। कार्यक्रम के दौरान लोक गायक सौरभ मैथानी ने भी प्रस्तुति दी। उन्होंने अपने कुछ प्रसिद्ध गाने जिनमें सपना सियाली, बाऊ सुरेला की प्रस्तुति दी। राज्य जनजातीय शोध संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव में हजारों लोगों ने भागीदारी देखी गई। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देना, कारीगरों के लिए एक मंच प्रदान करना और गर्व व एकता की भावना को बढ़ावा देना था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डीजीपी उत्तराखंड पुलिस अभिनव कुमार उपस्थित रहे। महोत्सव के महत्व पर अपने विचार करते हुए उन्होंने कहा, ष्उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव हमारे जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का एक सराहनीय प्रयास रहा है। इस तरह के आयोजन हमारी विविध परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम के सफल समापन के बारे में अपने विचार साझा करते हुए, टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक, एसएस टोलिया ने कहा, “तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के माध्यम से मौजूद लोगों को हमारे आदिवासी समुदायों की जीवंत परंपराओं के बारे में पता लगा। इसका उद्देश्य गौरव व एकता को बढ़ावा देना और हमारे प्रतिभाशाली कारीगरों के लिए एक समृद्ध मंच प्रदान करना था। कार्यक्रम के प्रति अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक, राजीव कुमार सोलंकी ने कहा, ष्इस तीन दिवसीय महोत्सव को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया से हम सभी अभिभूत हैं। इस कार्यक्रम ने न केवल हमारे आदिवासी कारीगरों की कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित किया, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक माहौल भी बुना। समापन दिन के दौरान टीआरआई उत्तराखंड के अतिरिक्त निदेशक, योगेन्द्र रावत, और समाज कल्याण सचिव, उत्तराखंड, बी के संत सहित अन्य उपस्थित रहे।