संविधान में भी दोषियों को माफी मांगने का मौलिक अधिकार नहीं है: त्यागी

0

देहरादून/बिलकिस बानो गैंग रेप केस में हत्या आरोपियों की सजा माफ करने और जेल से रिहा किए जाने के गुजरात सरकार की फैसले के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय का स्वागत करते हुए संयुक्त नागरिक संगठन ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
संगठन सचिव सुशील त्यागी ने कहा है संविधान में भी दोषियों को माफी मांगने का मौलिक अधिकार नहीं है यह तथ्य संज्ञान में होते हुए भी केंद्र तथा गुजरात सरकार द्वारा दोषियों की रिहाई के फैसले का बचाव करना न्याय व्यवस्था पर कुठाराघात था।इनका विचार है की यदि राज्य सरकारे ऐसे कुरूरतम अपराध के दोषियों को बचाती रही तो आमजन का न्याय व्यवस्था पर भरोसा खत्म हो जाएगा। पूरे देश में ऐसे अपराधियों की सजा में माफी के मामले शक्ति से रोके जाने की जरूरत है तभी गैंग रेप तथा हत्याओ को रोका जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share