82 वीं पुण्यतिथि पर अमर शहीद जगदीश वत्स को श्रद्धांजलि अर्पित की गई

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हरिद्वार,
अमर शहीद जगदीश वत्स की 82 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें जनपद के प्रशासनिक अधिकारियों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रथम श्रद्धांजलि समारोह भल्ला पार्क हरिद्वार में प्रातः 9.30 बजे आयोजित किया गया। इसमें माननीय जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल जी ने ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के पश्चात सभी उपस्थित अधिकारियों एवं नागरिकों ने शहीद जगदीश वत्स की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पुष्पांजलि उपरांत जिलाधिकारी महोदय द्वारा मौके पर उपस्थित सभी स्वतंत्रता सेनानियों/ शहीदों के उत्तराधिकारियों को अंग वस्त्र प्रदान करके उनका स्वागत किया गया।

हरिद्वार में ही दूसरा कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के तत्वावधान में दोपहर 11:30 बजे शहीद जगदीश वत्स पार्क जटवाड़ा पुल ज्वालापुर में आयोजित किया गया। यहां पर सर्वप्रथम उप जिलाधिकारी हरिद्वार श्री अजय वीर सिंह जी द्वारा ध्वजारोहण किया गया , जिसमें उनका सहयोग जनपद के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकर जी ने किया। राष्ट्रगान के पश्चात सभी लोगों ने बारी-बारी से शहीद जगदीश वत्स की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। तदुपरांत विधिवत श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष श्री देशबंधु जी ने की तथा संचालन रुड़की के वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार तथा शहीद जगदीश वत्स के भांजे डॉक्टर श्री गोपाल नारसन द्वारा किया गया। श्री गोपाल नारसन द्वारा शहीद जगदीश वत्स के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह से उस 17 वर्षीय ऋषि कुल महाविद्यालय के छात्र ने 14 अगस्त 1942 को हरिद्वार में तीन गोलियां खाकर भी तीन स्थानों पर तिरंगा फहराया जिसमें अंतिम तिरंगा उन्होंने रेलवे स्टेशन हरिद्वार पर फहराया था। गोली लगने के बाद गम्भीर अवस्था में उन्हें इलाज के लिए देहरादून रेफर किया गया लेकिन उनकी जान कोबचाया नहीं जा सका। श्री नारसन जी ने शहीद जगदीश वत्स की जीवनी को विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठाई जिस पर सभा में उपस्थित उप जिला अधिकारी हरिद्वार ने भी अपनी सहमति जताई। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव श्री जितेन्द्र रघुवंशी जी ने अपने उद्बोधन में शहीद जगदीश वत्स के बलिदान को याद करते हुए कहा कि हम सभी उत्तराधिकारियों को भी अपने शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए और समाज को नई दिशा दिखाने का कार्य करना चाहिए। उन्होंने 12 अगस्त को जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में जनपद के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक की चर्चा करते हुए उसमें स्वतंत्रता सेनानियों/ शहीदों के उत्तराधिकारियों से संबंधित उठाई गई समस्याओं का विवरण प्रस्तुत किया और बताया कि जिलाधिकारी महोदय ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए उन पर तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सैनी ने बोलते हुए कहा कि हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को समाज के लिए कोई ना कोई रचनात्मक कार्य अवश्य करना चाहिए तथा उन्होंने सुझाव दिया कि संगठन की तरफ से प्रतिवर्ष कम से कम एक रक्तदान शिविर अवश्य लगाया जाना चाहिए जिसका सभी ने समर्थन किया। श्रद्धांजलि सभा को रुड़की से पधारे श्री अरविंद शर्मा, स्वतंत्रता सेनानी श्री विद्या भूषण विद्यालंकार तथा अन्य साथियों ने संबोधित किया। बाद में अध्यक्ष श्री देशबंधु जी ने सभी आगंतुको का धन्यवाद अदा किया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार, संगठन के अध्यक्ष देशबंधु, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सैनी, कोषाध्यक्ष धर्मवीर धींगरा, शहीद जगदीश वत्स के भांजे श्रीगोपाल नारसन, आशुतोष शर्मा, सुभाष चन्द्र छाबड़ा, कैलाश चंद्र वैष्णव, शिवेन्द्र सिंह गहलौत, सुरेंद्र छाबड़ा, वीरेन्द्र गहलौत, नरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रमेश चौधरी, बिजेन्दर, शिवकुमार, आनन्द पाल सिंह, रमेश कुमार, यशपाल सिंह, वीरेन्द्र सिंह, शीला सिंह, माया सिंह सहित अनेक स्थानीय गणमान्य नागरिकों की सराहनीय उपस्थिति रही।

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