मेरे मन में गहरा सागर फिर भी प्यास लिए फिरता हूं: भूदत्त

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हरिद्वार। भारत विकास परिषद की पंचपुरी शाखा के तत्वावधान में ऋतुरंग काव्य प्रणेता संगम के सुअवसर पर बीती शाम एस एम जे एन (पी जी) कालेज के सभागार में श्रृंगार रस और वीर रस से ओतप्रोत काव्य संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। काव्य संगोष्ठी की शुरुआत सांसद प्रतिनिधि विमल कुमार, डॉ रवि कांत शर्मा और मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। प्रसिद्ध गीतकार भूदत्त शर्मा ने श्रृंगार रस पर काव्य पाठ से करते हुए कहा कि मेरे मन में गहरा सागर फिर भी प्यास लिए फिरता हूं, इसकी खुशियां उसके दुखड़े हर अहसास लिए फिरता हूं, ना कोई रूठे ना कोई छुटे मुझ से किसी का दिल ना टूटे, संबंधों को पुष्पित करने मैं मधुमास लिए फिरता हूं। कवि अमन शुक्ला ‘ शशांक ‘ ने वीर रस पर काव्य पाठ कर सभी में जोश भर दिया। उन्होंने कहा कि देश पर जो मर मिटे, वही जवानी होनी चाहिए। कवि ‘अंबर’ खरबंदा ने परिवार वाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अपने दिल की कभी न कहता हूं, उनकी हर एक बात सहता हूं, बेटे रहते थे मेरे घर में कभी, अब मैं बेटों के घर में रहता हूं। दिव्यांश कुमार ‘ दुष्यन्त ‘ ने कहा कि एक जमाना आएगा कलम चलेगी रास्ते पर और लेखक कैद हो जाएगा। महिला कवि नेत्री राजकुमारी ‘राजेश्वरी ‘ ने नारी का सजीव चित्रण करते हुए कहा कि दुनिया वालों कद्र करो कुछ औरत के उद्गार की। यही भारती है जग- जीवन में रंगत अपने प्यार की। इसके अथक प्रयासो से ही सजती है गृह वाटिका। बिन नारी तस्वीर अधूरी रह जाती संसार की।। कवयित्री महिमा श्री ने श्रृंगार रस पर काव्य पाठ तो किया ही उन्होंने पतियों की भी जमकर क्लास लगा कर सभी को लोटपोट कर दिया। सबसे अंत में श्रीकांत श्री ने वीर रस और भक्ति रस के साथ ही पन्ना धाय पर काव्य पाठ कर सभी में देश भक्ति का जोश भर दिया। मुख्य अतिथि महंत अनिल गिरी, विशिष्ट अतिथि विशाल गर्ग , विमल कुमार और डॉ रविकांत शर्मा व राज्य महिला आयोग की सदस्य कमला जोशी ने भी अपने विचार रखे और सुन्दर काव्य संगोष्ठी का आयोजन करने के लिए भारत विकास परिषद की पंचपुरी शाखा को साधुवाद दिया। शाखा अध्यक्ष निखिल वर्मा ने अपनी शाखा के कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस साल का 65वां आयोजन है।जिला समन्वयक श्री कुशल पाल सिंह चौहान और जिला सह समन्वयक अमित कुमार गुप्ता और पंचपुरी शाखा के अध्यक्ष निखिल वर्मा और महिला सहभागिता श्रीमती आभा वर्मा ने सभी कवियों और अतिथियों का पटका पहना कर और स्मृति चिह्न देखकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भेल शाखा, शिवालिक शाखा,संस्कार शाखा, देवभूमि और अलकनंदा शाखा के दायित्व धारी भी उपस्थित रहे।

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