श्री भगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय को मिली प्राक्शास्त्री की मान्यता
हरिद्वार। श्री भगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार के प्रभारी प्राचार्य डॉ.ब्रजेन्द्र कुमार सिंहदेव ने बताया कि श्री भगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय,
उत्तराखंड का एकमात्र केन्द्रीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालय है। अभी तक महाविद्यालय में केवल शास्त्री एवं आचार्य के व्याकरण, साहित्य एवं वेदान्त विषयों का ही पठन-पाठन होता था। लेकिन अब महाविद्यालय को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्राक्शास्त्री , डिप्लोमा व प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रमों की मान्यता प्राप्त हो गयी है।
प्रभारी प्राचार्य डॉ बृजेन्द्र कुमार सिंहदेव ने कहा कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में इंटरमीडिएट को प्राक्शास्त्री के नाम से जाना जाता है।उत्तराखंड में इसे उत्तर मध्यमा कहा जाता है। प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रो. बिहारीलाल शर्मा जी के अथक प्रयासों से महाविद्यालय संस्कृत छात्रों के निमित्त संस्कृतशास्त्रों के अध्ययन-अध्यापन हेतु समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सतत प्रयासरत है। महाविद्यालय में परम्परागत संस्कृत शास्त्र एवं आधुनिक विषयों के योग्य प्राध्यापकों के साथ कम्प्यूटर आदि के प्रशिक्षण व पुस्तकालय की उचित व्यवस्था है। केन्द्र सरकार द्वारा 70% अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र को मासिक छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय द्वारा सम्पूर्ण देश में आयोजित होने वाली विविध शास्त्रीय एवं क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने हेतु छात्रों को प्रेषित करने की व्यवस्था की जाती है। छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महाविद्यालय अहर्निश संलग्न है। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के द्वारा प्राप्त उपाधि की मान्यता देश विदेश में सर्वस्वीकार्य है। इसमें उन छात्रों को भी एक प्रवेश परीक्षा आयोजित कर अध्ययन का अवसर दिया जायेगा, जिनके पास हाईस्कूल स्तर पर संस्कृत विषय नहीं है। उत्तराखंड राज्य में अभी यह व्यवस्था नहीं है। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारियों ने प्रसन्नता व्यक्त कर इस कार्य को महाविद्यालय की उन्नति के लिए आवश्यक बताया ।