स्कूली बच्चों व राशन कार्डधारकों को पौष्टिक आहार के रूप में मिलेगा मंडुआ
देहरादून। प्रदेश में उत्पादित मंडुआ अब सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों के लाखों बच्चों और 13.50 लाख राशन कार्डधारकों को पौष्टिक मोटा अनाज के रूप में निशुल्क मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने 0.096 लाख मीट्रिक टन मंडुआ के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र के इस निर्णय को सराहते हुए कहा कि इससे किसानों की आर्थिक सेहत सुधरेगी। साथ में स्कूली बच्चों और जरूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिलेगा। मंडुआ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने इसी महीने केंद्र सरकार के सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को फसल वर्ष 2022-23 के मोटे अनाज के प्रोक्योरमेंट के लिए योजना प्रेषित की थी।
केंद्र सरकार ने इसी फसल वर्ष के लिए मोटे अनाज के रूप में मंडुआ के प्रोक्योरमेंट को स्वीकृति दी है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोक्योरमेंट भली-भांति हो, इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडुआ के प्रोक्योरमेंट में जिलाधिकारियों की विशेष भूमिका रहेगी। राज्य सरकार का यह कदम किसानों की आमदनी बढ़ाने को अभिनव प्रयास सिद्ध होगा।
प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत अल्मोड़ा व पौड़ी जिलों के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुआ खरीद योजना लागू की जाएगी। खरीदे गए मंडुआ को पहले चरण में राज्य के मैदानी जिलों ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार के साथ ही देहरादून व नैनीताल जिलों के मैदानी क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित किया जाएगा। इस योजना में इन जिलों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग आठ लाख परिवार लाभान्वित होंगे। इन्हें प्रतिमाह प्रति राशनकार्ड एक किलो मंडुआ निशुल्क वितरित किया जाएगा। पर्वतीय जिलों में मंडुआ की खरीद को सहकारिता विभाग अल्मोड़ा जिले में 20 क्रय केंद्र व पौड़ी में 11 केंद्र बनाएगा। इन केंद्रों से खरीदा गया मंडुआ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बांटा जाएगा। पहले चरण में 9600 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदने की कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के क्रियान्वयन में सरकार पर लगभग 45 करोड़ का व्ययभार आएगा। मुख्यमंत्री ने मंडुआ प्रोक्योरमेंट की अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।