जगद्गूुरू रामानंदाचार्य की 725वीं जयंती पर संतों ने निकाली भव्य शोभायात्रा
शोभायात्रा का जगह-जगह संतों व श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया
सोल ऑफ इंडिया, हरिद्वार। जगद्गूुरू रामानंदाचार्य की 725वीं जयंती के अवसर पर श्री रामानन्दीय वैष्णव मंडल के संयोजन में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। श्रवणनाथ नगर स्थित श्री गुरुसेवक निवास उछाली आश्रम से शुरू हुई बैण्ड बाजों व भव्य झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा का शुभारंभ श्री रामानंदीय श्री वैष्णव मंडल रजि हरिद्वार के बैनर तले श्री प्रेम आश्रम परमाध्यक्ष श्री महंत बाबा हठ योगी जी महाराज ,महंत श्री राधानाथ दास ,महंत श्री विष्णु दास महाराज, महंत श्री प्रेम दास महाराज , चेतन ज्योति आश्रम परमाध्यक्ष महंत ऋषिश्वरआनन्द ने किया। शोभायात्रा का जगह-जगह संतों व श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा श्रवणनाथ नगर स्थित रामानंद आश्रम में संपन्न हुई। महंत विष्णुदास,महंत प्रेमदास,महंत प्रमोद दास,महंत दुर्गादास, महंत राजेंद्र दास व महंत प्रह्लाद दास ने शोभायात्रा में शामिल हुए सभी संतो का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर बाबा हठ योगी जी महाराज ने कहा कि जगद्गुरू रामानंदाचार्य ने तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर एकता के सूत्र में बाधा और समाज में आध्यात्मिक चेतना का प्रसार किया। जगद्गुरू रामानंदाचार्य की शिक्षाएं प्रत्येक काल में प्रासंगिक रही हैं। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। उछाली आश्रम परमाध्यक्ष महंत श्री विष्णु दास व महंत प्रेम दास महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरण देकर धर्म के मार्ग पर अग्रसर करने में जगद्गुरू रामानंदाचार्य का अहम योगदान रहा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। कहा कि जगद्गुरू रामानंदाचार्य वैष्णव भक्तिधार के महान संत थे। उन्होंने उत्तर भारत में वैष्णव सम्प्रदाय को पुनर्गठित किया। उन्होंने समाज में व्याप्त छूआछूत, ऊंच नीच और जात पात का विरोध किया और रामभक्ति की धारा को समाज के निचले तबके तक पहुंचाया। शोभायात्रा में स्वामी ज्ञानानंद,महंत राजेंद्रदास,स्वामी ऋषिश्वरनंद,महंत विष्णु दास जी महाराज,महंत प्रेमदास जी महाराज, महंत प्रहलाद दास जी महाराज,हरिद्वार। जगद्गूुरू रामानंदाचार्य की 725वीं जयंती के अवसर पर श्री रामानन्दीय वैष्णव मंडल के संयोजन में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। श्रवणनाथ नगर स्थित श्री गुरुसेवक निवास उछाली आश्रम से शुरू हुई बैण्ड बाजों व भव्य झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा का शुभारंभ श्री रामानंदीय श्री वैष्णव मंडल रजि हरिद्वार के बैनर तले श्री प्रेम आश्रम परमाध्यक्ष श्री महंत बाबा हठ योगी जी महाराज ,महंत श्री राधानाथ दास ,महंत श्री विष्णु दास महाराज, महंत श्री प्रेम दास महाराज , चेतन ज्योति आश्रम परमाध्यक्ष महंत ऋषिश्वरआनन्द ने किया। शोभायात्रा का जगह-जगह संतों व श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा श्रवणनाथ नगर स्थित रामानंद आश्रम में संपन्न हुई। महंत विष्णुदास,महंत प्रेमदास,महंत प्रमोद दास,महंत दुर्गादास, महंत राजेंद्र दास व महंत प्रह्लाद दास ने शोभायात्रा में शामिल हुए सभी संतो का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर बाबा हठ योगी जी महाराज ने कहा कि जगद्गुरू रामानंदाचार्य ने तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर एकता के सूत्र में बाधा और समाज में आध्यात्मिक चेतना का प्रसार किया। जगद्गुरू रामानंदाचार्य की शिक्षाएं प्रत्येक काल में प्रासंगिक रही हैं। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। उछाली आश्रम परमाध्यक्ष महंत श्री विष्णु दास व महंत प्रेम दास महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरण देकर धर्म के मार्ग पर अग्रसर करने में जगद्गुरू रामानंदाचार्य का अहम योगदान रहा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। कहा कि जगद्गुरू रामानंदाचार्य वैष्णव भक्तिधार के महान संत थे। उन्होंने उत्तर भारत में वैष्णव सम्प्रदाय को पुनर्गठित किया। उन्होंने समाज में व्याप्त छूआछूत, ऊंच नीच और जात पात का विरोध किया और रामभक्ति की धारा को समाज के निचले तबके तक पहुंचाया। शोभायात्रा में स्वामी ज्ञानानंद,महंत राजेंद्रदास,स्वामी ऋषिश्वरनंद,महंत विष्णु दास जी महाराज,महंत प्रेमदास जी महाराज, महंत प्रहलाद दास जी महाराज, महंत दिनेश दास जी ,महंत ज्ञानेंद्र दास जी महाराज महंत गोविंद जी महाराज महंत राजेंद्र दास जी महाराज, महंत कमलेश आनंद सरस्वती महाराज, रामदास महाराज धर्मदास महाराज, रितेश दास महाराज हितेश दास महाराज, महंत परमानंद जी महाराज महंत प्रेमानंद जी महाराज, महंत रामचरण दास जी महाराज, बहन सीताराम दास जी महराज सहित बड़ी संख्या में संत शामिल रहे। महंत दिनेश दास जी ,महंत ज्ञानेंद्र दास जी महाराज महंत गोविंद जी महाराज महंत राजेंद्र दास जी महाराज, महंत कमलेश आनंद सरस्वती महाराज, रामदास महाराज धर्मदास महाराज, रितेश दास महाराज हितेश दास महाराज, महंत परमानंद जी महाराज महंत प्रेमानंद जी महाराज, महंत रामचरण दास जी महाराज, बहन सीताराम दास जी महराज सहित बड़ी संख्या में संत शामिल रहे।