राहुल गाँधी का कथन झूठ और 110 करोड़ हिंदुओं को अपमानित करने वालाः डॉ. प्रेम चंद अग्रवाल

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देहरादून। भाजपा ने राहुल गांधी के बतौर नेता प्रतिपक्ष दिए भाषण को झूठ, निराशा और तथ्यहीन बताते हुए, 110 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं का अपमान बताया। साथ ही संसद पटल पर सनातन के खिलाफ उगले इस जहर को माफी के काबिल न बताते हुए कहा कि जनता उन्हें इसका सबक सिखाएगी। पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने तंज कसा कि बार-बार लॉन्चिंग के बावजूद लगातार तीसरी बार फेल हो चुके राहुल गाँधी नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहले ही भाषण में फिसड्डी हुए हैं । जो भाषण झूठ, निराशा और तथ्यहीन बातों से भरा हुआ था। इतना ही नहीं, उनका अपने भाषण के दौरान आचरण भी संसदीय गरिमा के अनुरूप बिलकुल भी नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने अनुभव के आधार पर मुझे भी लगा कि राष्ट्रपति के जिस अभिभाषण पर चर्चा हो रही थी उसपर एक भी शब्द उन्होंने नही कहा, बल्कि राहुल गाँधी ने केवल और केवल झूठ बोला, वो भी संसदीय गरिमा को गिराते हुए। सबसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने भाषण में न केवल हिंदुओं का घोर अपमान किया, न केवल हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बताया बल्कि अग्निवीर, किसान, अयोध्या, माइक सब पर असत्य और केवल असत्य बोला। उन्होंने अपील की कि राहुल गाँधी को अविलंब हिंदुओं का अपमान करने और सदन में झूठी बयानबाजी करने के लिए उन्होंने कटाक्ष कि राहुल गाँधी झूठ बोल कर भाग जाने में माहिर हैं। लेकिन संसद में कोई झूठ या भ्रामक बात नही की जा सकती है, लिहाजा उन्हें अपनी बातों को तथ्यों से साबित करना होगा।
उन्होंने कहा, संसद में राहुल गांधी ने सम्पूर्ण हिंदू समाज को हिंसक और असत्यवादी बताकर, हिंदू समाज का घोर अपमान किया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है। लेकिन अफसोस ये कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस ने यह भी पहली बार नहीं किया है। साथ ही आरोप लगाया कि 99 सीटें जीतने पर ये हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बता रहे हैं, ये बताता है कि इनकी असल मंशा क्या है? जबकि सच्चाई सबको पता है कि 1984 में सिखों का नरसंहार किसने किया था। सच्चाई ये है कि आपातकाल में आम लोगों को प्रताड़ित किसने किया था? सच्चाई ये है कि संतों पर गोलियां किसने चलवाई थी? साथ ही राहुल गाँधी को यथार्थ पर भी बोलने की चुनौती देते हुए कहा, वे पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं पर कुछ नहीं बोलते, तमिलनाडु में प्रइ-नज-ज्ंीपत की मंशा पर कुछ नहीं बोलते, केरल में अपने सहयोगी की हिंसा भड़काने की तहरीरों पर कुछ नहीं बोलते लेकिन हिंदुओं को हर बार बदनाम करते हैं। इसी कांग्रेस की सरकार में 2010 में तत्कालीन गृह मंत्री श्री पी चिदंबरम ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। 2013 में पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी हिंदुओं को आतंकवादी बताया था। 2021 में राहुल गांधी ने कहा था कि हिन्दुत्ववादियों को देश से बाहर निकालने को कहा था और आज सम्पूर्ण हिंदुओं को असत्यवादी और हिंसक कहा। राहुल गाँधी ने पहले भी कहा था कि मंदिर जाने वाले लड़कियों को छेड़ते हैं।
उन्होंने राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को नीचा और कमजोर करने का आरोप लगाया। समूचा देश राहुल गांधी के इस बयान से दुखी है और इस बयान की जितनी निंदा की जाए वह कम है। संसद की बहस के दौरान ईश्वर के चित्रों को सामने रखना और राजनीति को इससे जोड़ना एक नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता। कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, जो इस समय पीडब्लूडी मंत्री है, वो भी हिंदू शब्द को गंदा बोल चुके हैं। इनकी भारत जोड़ो यात्रा में जॉर्ज पोन्नैया ने कहा था कि भारत की धरती को इतना अपवित्र मानता हूँ कि मैं जूते पहनता हूँ ताकि इसका स्पर्श न हो जाए। इनके गठबंधन के लोगों ने ही हिंदू धर्म के नाश और उसकी तुलना कोरोना वायरस के साथ की थी।
उन्होंने अपने बतौर स्पीकर के अनुभवों के आधार पर कहा कि सदन में भगवान् शंकर, गुरु नानक देव के चित्र दिखाना पूरी तरह संसदीय नियमावली का उल्लघंन है। इसपर लोकसभा अध्यक्ष ने भी कहा था कि जिनको हम पूजते हैं, उनके ऐसे चित्र यहाँ प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं। इसी तरह अभय मुद्रा पर भी गलत बातें करना, उन्होंने इस्लाम में भी अभय मुद्रा बता दी जबकि इस्लाम में कोई चित्र नहीं होता है, तो उन्हें अभय मुद्रा कहाँ से दिख गई? राहुल गाँधी को कोई इल्म हुआ है या ऊपर से कोई ऊपर से कोई फजल हुआ है कि उन्हें अभय मुद्रा दिख गई?
इतना ही नही उन्होंने अग्निवीर, किसानों, अयोध्या आदि तमाम विषयों पर सफेद झूठ बोला। राहुल कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता। तत्काल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत राहुल गांधी के झूठ को एक्सपोज करते हुए कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसी तरह राहुल गांधी ने अयोध्या में मुआवजे पर भी भ्रामक बातें की। राहुल गाँधी ने कहा कि अयोध्या में लोगों की जमीनें ली गई लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया जबकि सच्चाई कुछ और है। जबकि वहां मुआवजे के रूप में करीब 4,215 दुकानदारों को 1,253 करोड़ रुपए प्रदान किया गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को आतंकवादी बताया। राहुल गाँधी के इस झूठ का भी तुरंत खुलासा हो गया और इसका प्रूफ देने की मांग की गई। उन्होंने एक और झूठ बोला कि सरकार किसानों को एमएसपी नहीं देती। उनके इस झूठ की पोल स्वयं कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने खोला कि वे गलत बयानी कर रहे हैं। एमएसपी पर खरीद जारी है। उनकी सरकार थी तब बताएं कि एमएसपी पर कितनी खरीद होती थी। ये सत्यापित करें कि एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही। इस पर राहुल गाँधी ने बात पलट दी।
उन्होंने कहा, नेता प्रतिपक्ष के जिम्मेदार पद होते हुए भी राहुल गांधी बेहद गैरजिम्मेदार बाते करते हैं, वो भी सदन के अंदर। वे स्पीकर महोदय को माइक बंद करने, सांसदों को बर्खास्त करने बात करते हैं जबकि जिसे आसन से बोलने को कहा जाता है, उसका माइक कभी बंद नहीं होता। वे लगातार 5 पांच बारबके सांसद है फिर भी अमूमन सदन की पीठ या आसन का अपमान करते हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के पद पर भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की, जो बहुत ही दुखद है।
राहुल गांधी लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं और एक संवैधानिक पद पर हैं, तो हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि वे परिपक्वता के साथ अपने व्यवहार और आचरण में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।

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