जलियांवाला बाग कांड के शहीदों की 106 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए

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देहरादून। “इस देश की सेवा करने के लिए जिंदगी कुर्बान करना बड़ा मुश्किल है,बातें करना आसान है। जिन्होंने देश सेवा में अपना पांव रख दिया उन्होंने लाखों मुसीबतें झेली है”
पंजाबी भाषा में लिखी यह नज्म उस लाल डायरी के पन्ने पर लिखी थी जिसे अंग्रेजों ने शहीद उधम सिंह द्वारा माइकल ओ डायर की गोली मारकर हत्या करने के बाद इनके लंदन स्थित घर की तलाशी में कब्जे में ली थी। देश के स्वतंत्रता संग्राम में आज से 106 साल पहले पंजाब में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड ने अंग्रेजी हुकूमत की जड़े हिलाने में चिंगारी का काम किया जहां शांतिपूर्वक सभा कर रहे देश प्रेमियों पर जनरल डायर की फौज ने गोलियां बरसाकर 379 लोगों की हत्याएं कर दी थी यहां 1200 से अधिक लोग घायल भी हुए थे। कुछ ऐसे उदगार आज जलियांवाला बाग कांड के शहीदों की 106 वीं पुण्यतिथि पर,आज गांधी पार्क स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा के समक्ष शहीदों की याद में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहे।वक्ताओं के उद्गार थे कि देश प्रेम की अभिव्यक्ति देश के विकास,समृद्धि ऐतिहासिक विरासत संस्कृति का संरक्षण,सम्मान और इसकी रक्षा करना भी है। दूनवासी पर्यावरण प्रेमियों का कहना था की विकास जरूरी है पर पर्यावरण के नुकसान की कीमत पर नहीं होना चाहिए।दून में विकास के नाम पर शमशान में बदलते जंगल,कंक्रीट के उगते जंगल,प्रदूषित आबहवा,खान-पान भावी पीढ़ियों,जीव जंतुओं,पशु पक्षियों की जिंदगी के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं।इस दिशा में हो रहे आंदोलन देशभक्ति के जज्बे को ही अभिव्यक्त कर रहे हैं। जिम्मेदारों को जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। समाज सेवियों का यह भी कहना था की सांप्रदायिक सौहार्द को सुदृढ़ बनाने,महिलाओं को हिंसात्मक व्यवहार से बचाने,शहर को स्वच्छता सफाई में योगदान देने,निराश्रित पशुओं का जीवन बचाने,शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने,रक्तदान और देहदान पुनीत कार्य करने,दिव्यांगों के सहायक बनने वाले समाजसेवी भी सच्चे देशभक्त हैं।जागरूक नागरिकों का कथन था की भ्रष्टाचार मुक्त,नशा मुक्त उत्तराखंड अभियानों के भागीदार,निःशुल्क चिकित्सा सुविधा तथा रक्तदान जैसे सामाजिक कार्यों में जुटे संगठन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब हैं।श्रद्धा सुमन संयुक्त नागरिक संगठन,गोरखाली सुधार सभा,स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी कल्याण समिति,समाधान,मैती,वेस्ट वॉरियर, दून रेजिडेंट वेलफेयर फ्रंट,सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी नथानपुर समन्वय समिति,धाद,मैड जैसी संस्थाओं का संयुक्त प्रयास था। यहां एल लार कोठियाल, एस एस गोसाई,चंद्रगुप्त विक्रम,रोहित कोचवे,मुकेश नारायण शर्मा,देवेंद्र पाल मोंटी,ठाकुर शेर सिंह,जगमोहन मेहंदीरत्ता, पदम सिंह थापा,नरेश चंद्र कुलाश्री,शेयरिंग लयुडिग,प्रकाश नागिया,दिनेश भंडारी, सुशील त्यागी,अवधेश शर्मा,एसपी डिमरीजगदीश बावला, प्रमोद उप्रेती,मनोज ध्यानी,पीएस बुटोला,पद्मेंद्र बर्तृवाल वाई बी थापा,सुशील भंडारी,पुरुषोत्तम गौतम, जगदीश,उमेश्वर सिंह रावत,मेघ बहादुर थापा,लोक भंडारी, डीके गुरुंग,रीना रावत, डॉक्टर अशालाल,जीएस जस्सल, शैलेश सकलानी,प्रिंस कपूर, संगीता,दिनेश भंडारी,जेएस भंडारी,नवीन कुमार सदाना, नीरज,अंकित सेमवाल,अशोक भट्ट,शिवनारायण,अशोक बल्लभ शर्मा,कुशल बोहरा, रामचंद्र जोशी आदि शामिल थे। आदि शामिल थे।कार्यक्रम के अंत में शहीदों की याद में पुष्पांजलि अर्पित कर कैंडल प्रज्वलित करते हुए दो मिनिट का मौन रखा गया।

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