स्कूल सिनेमा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उत्तराखंड के 200 से अधिक स्कूलों ने भागीदारी की

0

देहरादून। एलएक्सएल फाउंडेशन ने स्कूल सिनेमा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एससीआईएफएफ ) का 7वां संस्करण प्रस्तुत किया, जो भारत का सबसे बड़ा बच्चों का फिल्म महोत्सव है। उत्तराखंड में, एससीआईएफएफ का प्रदर्शन 200 से अधिक स्कूलों में किया गया और इसमें 76,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त, सम्पूर्ण उत्तर भारत में लगभग 22,500 स्कूलों और 7.7 मिलियन से अधिक छात्रों ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। पहले अंतरराष्ट्रीय किड्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल के नाम से मशहूर, एससीआईएफएफ भारतीय कक्षाओं में वैश्विक सिनेमा को शामिल करके शिक्षा में बदलाव ला रहा है।
शिक्षाविद्, दूरदर्शी, फ़िल्म निर्माता और फ़िल्म शिक्षाशास्त्र के मास्टर माइंड सैयद सुल्तान अहमद के नेतृत्व में, एससीआईएफएफ 2024 एक फिल्म महोत्सव से कहीं बढ़कर था-यह एक आंदोलन था। 30,000 से अधिक स्कूलों, जिनमें 25,000$ सरकारी स्कूल थे, के 8 मिलियन से अधिक छात्रों ने इस अखिल भारतीय फिल्म महोत्सव में भाग लिया। इस वर्ष के आयोजन में 20 से अधिक देशों की 80 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की गईं, जिन्हें 15 से अधिक भाषाओं में दिखाया गया, तथा इनमें मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सुरक्षा जैसे अनेक विषयों के बारे में बताया गया आज के समय में छात्र जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए इन फ़िल्मों को सावधानी से तैयार किया गया था, जिससे यह महोत्सव ज्ञान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गया। छात्रों के लिए फ़िल्म निर्माण प्रतियोगिता एस सी आई एफ एफ का तीसरा खंड रहा, जो ‘देखें’ और ‘सीखें’ खंडों से पूरी तरह से मेल खाता है। ‘देखें’ में स्कूलों में प्रदर्शन के लिए वैश्विक फ़िल्म निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत फ़िल्में दिखाई गईं, जबकि ‘सीखें’ में छात्रों को फ़िल्म निर्माण की कला सिखाने के लिए उद्योग विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
एस सी आई एफ एफ 2024 के महोत्सव निदेशक सैयद सुल्तान अहमद ने कहा “एस सी आई एफ एफ 2024 के परिणामों और इसे मिलने वाली प्रशंसा को देखते हुए यह सिद्ध होता है कि शैक्षिक परिदृश्य में इस तरह की पहलों का महत्व बढ़ रहा है। जैसे-जैसे यह महोत्सव साल दर साल गति पकड़ता जा रहा है, यह स्पष्ट है कि पाठ्यक्रम में फिल्म को शामिल करना सिर्फ एक विलासिता नहीं रही, बल्कि एक ज़रूरत बन गई है। छात्रों की भागीदारी से लेकर शिक्षकों के समर्थन तक हमने इसका जो प्रभाव देखा है, वह भावनात्मक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने में फिल्म शिक्षण की अपार क्षमता को रेखांकित करता है। इस साल यह महोत्सव 30,000 स्कूलों में लाखों छात्रों के साथ मनाया गया और इस प्रकार हम भारत में शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण में एक व्यापक, परिवर्तनकारी प्रभाव उत्पन्न कर रहे हैं।”
एस सी आई एफ एफ 2024 के मुख्य आकर्षणों में से एक है ‘बनाएं’ प्रतियोगिता, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी छात्र फ़िल्म निर्माण प्रतियोगिता के रूप में मान्यता प्राप्त है, और यह युवा फिल्म निर्माताओं के लिए एक वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करती है। राजस्थान, पंजाब और असम की राज्य सरकारों ने भी इस वर्ष महोत्सव के लिए सहायता प्रदान की, जिससे इसका प्रभाव और भी बढ़ गया है। इसके अलावा, श्सभी के लिए मानव सुरक्षा विषय पर बनाई गई फ़िल्में प्रतिवर्ष दिखाई जाती हैं, जो मानव सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फ़ंड के साथ मानव सुरक्षा राजदूत के रूप में सैयद सुल्तान अहमद की भूमिका को दर्शाती हैं। महोत्सव की ज्यूरी में वैश्विक विशेषज्ञों की एक प्रतिष्ठित सूची शामिल है। अया अल-ब्लौची, अजयाल फ़िल्म महोत्सव प्रोग्रामर-कतर; पॉलिन माज़ेनोड, फ़िल्म अधिग्रहण प्रमुख फ़्रांस; धीमंत व्यास, पवई, एनिमेटर और मुंबई के औद्योगिक डिज़ाइन केंद्र में प्रोफ़ेसर; इसाबेल मोरिन, लेखक, पटकथाकार और संगीतकार; नीना सबनानी, एनिमेटर और शिक्षिका; सयानी गुप्ता, भारतीय अभिनेत्री; और पिंकी सिंह, प्रिंसिपल, रॉयल कॉनकॉर्ड इंटरनेशनल। उनकी विशेषज्ञता ने सुनिश्चित किया कि सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को उचित मान्यता मिले।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Share