एमडीडीए तारीख लगाने के बाद अवैध निर्माण को तोड़ने नही आया

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पीड़ित पक्ष दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर
देहरादून। मसूरी देहरा विकास प्राधिकरण अपनी भष्ट्राचारी कार्य प्रणाली को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है। एक ताजा मामला फिर प्रकाश में आया है।
वर्ष 2015 हाथीबड़कला निवासी महेश कोहली में एमडीडीए में शिकायत की थी कि उसके पड़ोसी ने उनके परिवार की अनुपस्थिति में उनके रास्ते पर अवैध निर्माण कर उनके बिजली पानी व रास्ता तीनों को बाधित करने का काम किया है। उस दौरान एमडीडीए ने इस मामले की जांच की और उस अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए। कमीश्नर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक पीड़ित पक्ष की सुनवाई हुई। जिसमें अवैध कब्जेदार को कोई राहत नही मिल पाई। हाईकोर्ट में जीत हासिल करने के बाद पीड़ित पक्ष ने एमडीडीए से उस अवैध निर्माण को तोड़े जाने की गुहार लगाई। काफी दबाव बनाने के बाद एमडीडीए ने अवैध निर्माण को तोड़ने की तारीख 14 अगस्त तय की किन्तु एमडीडीए तारीख लगाने के बाद अवैध निर्माण को तोड़ने नही आया। उसके बाद पीड़ित पक्ष ने अगली तारीख लगाने के लिए विभाग के कई चक्कर काटे किन्तु एमडीडीए के सिर पर इस मामले को लेकर सिर पर जंू तक नही रेंगी। इस मामले में शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल समाधान में भी की गयी। किन्तु एमडीडीए के हौसले तब भी बुलंद दिखाई दिए। इस मामले का एमडीडीए ने कोई संज्ञान नही लिया। काफी दबाब बनाने के बाद एमडीडीए ने अगस्त के बाद 12 दिसंबर की तारीख तय की किन्तु एमडीडीए ने उस तारीख पर भी अवैध निर्माण को तोड़ने में कोई रूची नही दिखाई। जिसके चलते अवैध के हौसले बुलंद है। अब वह पीड़ित पक्ष को ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहा है। पीड़ित पक्ष की सुनवाई एमडीडीए करने को तैयार नही है।

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