मायापुरी से निकली मां धारी देवी, भगवान नागराजा की भव्य देवडोली, नीसाण शोभायात्रा

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soulofindia,सूर्यकान्त सिंह बेलवाल
हरिद्वार। गढ़वाल महासभा के तत्वावधान में माँ धारी देवी व नागराज की देव डोली, यात्रा का देहरादून से हरिद्वार पहुँचने पर शिव मूर्ति चौक पर सभी सदस्यों ने भव्य स्वागत किया। पूजा अर्चना व स्वागत  कार्यक्रम के उपरांत यह देव डोली  पीएसी विशेष पुलिस बल के परंपरागत बैंड व ढोल दमाऊं की थिरकन के साथ हरकी पैड़ी की ओर चली। लोकसंस्कृति का दैवीय स्वरूप प्रतीत होती हुई देव डोली जब मायापुरी हरिद्वार के मुख्य बाजार से होकर से गुजर रही थी तो सभी  इसके अलौकिक स्वरूप से आत्मविभोर थे, ऐसा दृश्य जहाँ ढोल, दमाऊ की सुरम्य थाप, जागर पर अनायास ही देवी एक के बाद थिरकने लगे, आशीर्वाद देने लगे, बड़ा अद्भुत था, आसपास के लोग व यात्रीगण पहली बार ऐसा अविस्मरणीय दृश्य देख एकदम भौचक थे, सचमुच उत्तराखंड देवों की भूमि है, वे महसूस कर रहे थे।

शिवमूर्ति चौक पर पीली टोपी व पारंपरिक पीले परिधानों, व श्रृगांर में महिला मंडल, छोटे बच्चों ने मंडाण में देवी के स्वागत में पारंपरिक लोकनृत्य कर समा बांध दिया। वहीं देवियां भी भाव विभोर होकर कई रूपों में नाचती प्रतीत हुईं, महिला मंडल की पारम्परिक वेशभूषा की छटा निराली थी वही पीली टोपी लगाए पुरुष दल भी देव डोली यात्रा में विशेष भूमिका में था, पुलिस बैंड की अगुवाई में धारी देवी डोली शोभायात्रा शिवमूर्ति चौक से स्वागत सत्कार के बाद चित्रा टाकीज, हिमालय डिपो, ललता राव पुल, अपर बाजार, कोतवाली होते हुए हरकी पैड़ी पहुँची, मार्ग में कई स्थानों पर डोली का पुष्प वर्षा, फलफूल मिष्ठान से स्वागत उमड़े अपार जनसमूह ने किया। विदित हो कि देवडोली यात्रा के आयोजन से प्रभावित होकर, साधुवाद देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डा. निशंक ने शिवविश्राम गृह में आकर गढ़वाल सभा के पदाधिकरियों को अपनी शुभकामनाएं दीं।


यात्रा की छटा देखते ही बनती थी, लोग घरों की छतों से भी पुष्प अर्पित कर रहे थे, मार्ग पर बिखरे पुष्प, पंखुड़ी लोगों की अपार श्रद्धा के साक्षी बने थे, तदोपरांत रात्री विश्राम के लिए देवडोली शिव विश्राम, हरकी पैड़ी पहुंची , जहाँ सर्व प्रथम खिचड़ी प्रसाद का आयोजन था, सभी के लिए शाम के लिये देवी भजन के साथ भोजन प्रसाद भी था,

अब माँ धारी देवी डोली सबको मंच स्थल से दृश्य दे रही थीं, लोग दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे, दर्शन का सिलसिला काफी लंबा चलने के बाद और देवी भजन के उपरांत देवी के सांय काल की आरती सम्पन्न हुई, देवडोली ने पूरे पंडाल में सभी को नजदीकी दर्शन व आशीर्वाद दिया, देवी का यह रूप बड़ा मनोहारी व विस्मयकारी होता है, जो शायद यह बतलाता प्रतीत होता है कि देव व देव लीला को समझना आसान ही नहीं नामुमकिन है,, देवी व नागराजा के लगते मंडाण में भरे पंडाल भी विभिन्न अलौकिक दृश्य देवियों व देवों के नृत्य से परिलक्षित हो रहे, सब भाव विभोर होकर भक्ति की रसधारा में मानों बह रहे थे,
गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष मुकेश जोशी व संयोजक महंत अनिल गिरी जी व सभी पदाधिकारियों का अथक प्रयास मूर्त रूप में सार्थक होकर वास्तव में पंडाल में थिरक रहा था। डोली को अब अपने भक्तों को दर्शन देते हुए मध्य प्रदेश लिये रवाना हुई है।

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