शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो गए
कृति भट्ट
फीचर लेखक
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति
बदरीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को अपराहन 3:35 पर शीतकाल के लिए बंद हो गए। अब आगामी 6 माह तक भगवान बदरीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर एवं जोशीमठ में संपन्न होगी। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने इस वर्ष की शीतकालीन पूजा के अंतिम दिन प्रतिभाग किया। बदरीनाथ धाम के सिंह द्वार को गेंदे के फूलों से भव्य सजावट के साथ सजाया गया।
एक दिन पूर्व पंच पूजाओं के चौथे दिन माता लक्ष्मी का आह्वान कर पूजन संपन्न हुआ। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना तथा कढ़ाई भोग अर्पित किया गया। शनिवार को रावल मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बदरीनाथ धाम के गर्भ गृह में प्रतिस्थापित किया और उद्धव व कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया गया। तत्पश्चात लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सर्द हवाओं के बीच बैकुंठ धाम के कपाट सायं 3:35 बजे आगामी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।