ज्वाल्पा देवी
Soulofindia
कोटद्वार-पौड़ी मोटरमार्ग पर पाटीसैण के पास नयार नदी के तट पर स्थित मां ज्वाल्पा देवी का मंदिर है। मान्यता है कि एक बार पुलोमा नामक असुर की कन्या सची ने इंद्र को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए यहीं नयार नदी में तप करना शुरू कर दिया। तपस्या से प्रसन्न होकर इसी स्थान पर जगद्वात्रि शक्ति ज्वाला (प्रकाश) के रूप में उत्पन्न हुईं और सची को उसकी मनोकामना पूर्ण हाने का वरदान दिया। तभी से यह
स्थान सिद्धपीठ ज्वाल्पा देवी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।तब से लेकर आज तक ज्वाल्पा देवी मंदिर में अखंड ज्वाला (ज्योति) जलती रहती है। अविवाहित कन्याएं यहां सावन के महीने के सोमवार के व्रत रखकर आती है, माँ ज्वाल्पा देवी के आशिर्वाद से उन्हें सुयोग वर प्राप्त होता है , सतपुली पाटी सेण इलाके मे मंदिर के प्रति लोगो को बहुत आस्था है , कोटद्वार से यह मंदिर 70km दूरी पर है
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