इस्लाम आधुनिकीकरण और खेल का विरोधी नहीं

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सूफ़ी कौसर मजीदी
इस्लाम न तो आधुनिकरण का विरोधी है और न ही खेलकूद का, इस्लाम उन बातों से दूर रहने की बात करता है जो नैतिकता के विरुद्ध हैं। पवित्र कुरान में बारंबार lkekftd cqjkb;ksa से दूर रहने को कहा गया है जिसमे कोई बुराई नहीं, इस्लाम उस सोच को सोचने से भी मना करता है, जिससे सामाजिक बुराई जन्म ले, पवित्र कुरान में लिखा हुआ है, “ए ईमान वालों बहुत गुमानों से बचो कहीं कोई गुमान गुनाह न हो जाए।“

Xkqukgks vkSj cqjkb;ksa से दूर रहने के फरमानों को कुछ कट्टरपंथियों ने इस कदर तोड़ मरोड़ कर पेश किया है जिससे यह गुमान होने लगता है कि इस्लाम बहुत ही कट्टर है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है, इस्लाम सरल है और सरलता को प्रेरित करता है, पवित्र कुरान के तीसरे अध्याय 3 सूरः 2 आयत 255 لَاۤ اِكۡرَاهَ فِى الدِّيۡنِ‌ۙ ला इकराहा फिल दीन यानी कुछ जबरदस्ती नहीं दीन में कहता है।

यकीनन इस्लाम हर उस चीज से मना करता है जिससे बंदे और माबूद के संपर्क में कमी आए। यानी नमाज़ से दूर करने वाले अमलियात से बचने को इस्लाम प्रेरित करता है, जिसे पवित्र कुरान में लह्व लअब कहा गया है, अक्सर कुछ कट्टर पंथी इसका अनुवाद खेलकूद से कर देते हैं, जोकि गलत है, इस्लाम किसी भी तरह से खेल का विरोधी नहीं है, बल्कि कालांतर में इस्लामी विद्वान उन खेलों को महत्व देते थे जिनसे शारीरिक विकास हो और मनुष्य बलवान हो। घुड़सवारी, तैराकी, कुश्ती, पोलो जैसे खेल इस्लामी शासन प्रशासन में प्रश्रय पाते रहे हैं। फन सिपहगिरी यानी सैन्य विज्ञान मध्यकाल में इस्लामी शिक्षण व्यवस्था का अभिन्न अंग रहा है, नए नए अविष्कार और ज्ञान को इस्लाम ने सदैव प्रोत्साहित किया है। कालांतर में इस्लामी वैज्ञानिकों द्वारा अजेय किलों को भेदने के लिए मिंजनीक नामक अस्त्र बनाया गया था जिसे विकसित करते हुए उसी माडल पर तोप बनाई गई जो विकसित होते होते टैंक का रूप धारण कर चुकी है।

स्पष्ट है कि इस्लाम सामाजिक बुराइयों से दूर रहने की बात करता है, उन विचारों से दूर रहने का आदेश देता है, जो सामाजिक बुराई को जन्म देते हैं। पवित्र कुरान में अल्लाह मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहता है, कि “ऐ ईमान वालों अल्लाह तुम पर अज़ाब क्यों करेगा जब तुम उसके फरमान मानोगे, तो वो तुम्हें बख्श देगा और जन्नत में ले जायेगा और अनकरीब तुम्हे अपना दीदार कराएगा।“

(सूफ़ी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी एडवोकेट)
राष्ट्रीय अध्यक्ष
सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन

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