रोहतक से करीब 20 किमी की दूरी पर किलोई गांव है, जहां गुप्तकालीन शिवलिंग स्थापित है। ऐतिहासिक दृष्टि से रोहतक का अपना महत्व है। शोध के पता चला है कि रोहतक की बसाहट छह हजार साल पुरानी है। कहते हैं कि घने वन क्षेत्र के कारण इसका प्राचीन नाम रोहिताकारण्य था।
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